Heat Index: इस बार पड़ेगी भयानक गर्मी, बन रही है वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थिति; हृदय-फेफड़े और किडनी पर होगा असर

Heat Index दुनिया में वर्ष 2023 को सौ साल में सबसे ज्यादा गर्म साल माना गया है लेकिन इस वर्ष के संकेत भी अच्छे नहीं हैं। मौसम विभाग ने भी देश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान बढ़ने की चेतावनी दी है। आशंका तो है कि कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 50 डिग्री तक जा सकता है। लू चलने के साथ इसमें आर्द्रता का भी समावेश है।

By Jagran NewsEdited By: Swati Singh Publish:Wed, 24 Apr 2024 01:45 PM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2024 01:45 PM (IST)
Heat Index: इस बार पड़ेगी भयानक गर्मी, बन रही है वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थिति; हृदय-फेफड़े और किडनी पर होगा असर
इस बार पड़ेगी भयानक गर्मी, बन रही है वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थिति

अखिलेश तिवारी, कानपुर। गर्मी के तेवर इस बार बदले नजर आ रहे हैं। इस बार गर्मी पसीने छुड़ाने की तैयारी में है। अभी से सूरज की तपिश लोगों का हाल-बेहाल कर कर रही है। चार दिन पहले ही अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार इस बार तापमान का स्तर देखकर गर्मी को आंकना भारी भूल हो सकती है।

इस वर्ष 40 डिग्री तापमान पर भी 45 से 47 डिग्री की गर्मी का असर हो रहा है। गर्मी के साथ आर्द्रता का स्तर भी गड़बड़ा रहा है, इससे वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थिति बन रही है जो कम तापमान में भी जानलेवा मौसम का संकेत है।

इस साल गर्मी करेगी बेहाल

दुनिया में वर्ष 2023 को सौ साल में सबसे ज्यादा गर्म साल माना गया है, लेकिन इस वर्ष के संकेत भी अच्छे नहीं हैं। मौसम विभाग ने भी देश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान बढ़ने की चेतावनी दी है। आशंका तो है कि कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 50 डिग्री तक जा सकता है। लू चलने के साथ इसमें आर्द्रता का भी समावेश है। 15 अप्रैल को कानपुर में आर्द्रता का स्तर 64 प्रतिशत हो गया था।

बन रही है वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थिति

कृषि मौसम विज्ञानी डा.एसएन सुनील पांडेय के अनुसार मौसम में वेट-बल्ब टेंपरेचर की स्थितियां बन रही हैं, जो ज्यादा खतरनाक है। वेट-बल्ब टेंपरेचर अगर 35 डिग्री तक पहुंच गया तो गर्मी से लोगों की मौत होने लगेगी जिस तरह पिछले वर्ष नवी मुंबई के एक कार्यक्रम में मौजूद 11 लोगों की मौत लू लगने से हो गई थी।

क्यों अलग है वेट-बल्ब टेंपरेचर

वेट-बल्ब टेंपरेचर तापमान को मापने की अत्याधुनिक विधि है जिसमें वातावरण में मौजूद गर्मी और आर्द्रता दोनों स्थितियों को मापा जाता है। उससे पता चलता है कि वातावरण में गर्मी और आर्द्रता का संतुलन कितना है। मानव या जीवों के लिए तापमान कैसा है। वातावरण में मौजूद आर्द्रता की वजह से शरीर से पसीना तो निकलता है लेकिन वातावरण की नमी उसे सूखने नहीं देती।

हृदय, फेफड़ा, किडनी के फेल होने का बढ़ जाता है आद्रता

इससे शरीर का शीतलन तंत्र फेल होने लगता है। महत्वपूर्ण अंगों हृदय, फेफड़ा, किडनी के फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। कानपुर में 19 और 20 अप्रैल को अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री रहा जबकि इस दिन का वेट बल्ब तापमान सुबह साढ़े सात बजे 26.1 और 26.9 डिग्री रहा।

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