कानपुर : किशोर की हत्या में सगे भाइयों समेत तीन को उम्रकैद, प्रेम प्रसंग की रजिश में हुई थी वारदात

फीलखाना निवासी अरविंद कुमार ने थाने में प्रार्थना पत्र दिया था इसके मुताबिक उनके बेटा दीपांशू उर्फ नारायण नील वाली गली निवासी आशीष सोनकर की भांजी से प्रेम करता था जिसका आशीष विरोध करता था। एक दिन दीपांशू को आशीष ने साथियों साथ मिलकर गोली मार दी।

By Abhishek VermaEdited By: Publish:Thu, 27 Jan 2022 08:50 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jan 2022 08:50 PM (IST)
कानपुर : किशोर की हत्या में सगे भाइयों समेत तीन को उम्रकैद, प्रेम प्रसंग की रजिश में हुई थी वारदात
प्रेम प्रसंग में रंजिश के चलते हुई थी किशोर की हत्या।

कानपुर, जागरण संवाददाता। किशोर की हत्या के आरोप में अपर जिला जज मोहम्मद शफीक ने सगे भाइयों समेत तीन को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 25-25 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है । इस मामले में एक अभियुक्त बचाव पक्ष की ओर से गवाह भी था लेकिन वह अपने खिलाफ जुटाए गए साक्ष्य पर कोई सटीक तर्क नहीं दे सका जिसके चलते न्यायालय ने उसे भी दोषी करार दे दिया । 

फीलखाना कि सिरकी मोहाल निवासी अरविंद कुमार ने फीलखाना थाने में प्रार्थना पत्र दिया था । इसके मुताबिक उनके बेटा दीपांशू उर्फ नारायण नील वाली गली निवासी आशीष सोनकर की भांजी से प्रेम करता था जिसका आशीष विरोध करता था । इसी के चलते वह दीपांशू से रंजिश मानता था । सात अप्रैल 2018 की रात 11:45 बजे दीपांशू राधाकृष्ण मंदिर के पास एक दुकान में खड़ा था उसी समय आशीष अपने दोस्त अमित केसरवानी उर्फ कल्लू अंडे वाले के साथ पहुंचा और कनपटी पर गोली मार दी ।

हैलट ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई । एडीजीसी जितेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि इस मामले में न्यायालय ने आशीष उसके भाई राम बाबू और दोस्त अमित को दोषी करार दिया है ।इस मामले में आरोपित राम बाबू बचाव पक्ष की ओर से पेश किए गए तीन गवाहों में खुद एक गवाह भी था । उसका कहना था कि घटना के वक्त वह मौजूद नहीं था लेकिन घटनास्थल से प्राप्त साक्ष्यों का तार्किक जवाब नहीं दे सका । एडीजीसी ने बताया कि मामले में 25 फरवरी 2018 को चार्जशीट लगायी गई जबकि 27 अगस्त 2018 को आरोप तय हुए । इस मामले में अभियोजन की ओर से 11 गवाह पेश किए गए । 

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