रिटर्न में बरतें सावधानी, वैट के तीन और जीएसटी के नौ माह का होगा आडिट
कानपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एसोसिएशन की गोष्ठी में दी गई जानकारी।
कानपुर, जेएनएन। जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार वार्षिक रिटर्न फाइल कर रहे कारोबारी मासिक रिटर्न में की गई गलतियों को वार्षिक रिटर्न फाइल करते समय सुधार लें। ध्यान रखें, वित्तीय वर्ष 2017-18 के वार्षिक रिटर्न में पहले तीन माह का वैट व बाद के नौ माह का कारोबार जीएसटी के अंतर्गत फाइल करना होगा।
यह बात गुरुवार को कानपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (सीए) एसोसिएशन की स्टडी सर्किल गोष्ठी में सीए हिमांशु सिंह ने कही। गैंजेज क्लब में जीएसटी टैक्स आडिट व वार्षिक रिटर्न विषय पर आयोजित गोष्ठी में उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद से जीएसटी की धारा 33(5) के अंतर्गत पहली बार आडिट किया जाएगा। शुरुआती मासिक रिटर्न में गलतियां की गई थीं। इसलिए जीएसटी नियमों का पालन करते हुए आडिट में सावधानी बरतें। जिस पंजीकृत कारोबारी का कुल टर्नओवर प्रतिवर्ष दो करोड़ रुपये से अधिक है, उसके लिए जीएसटी आडिट अनिवार्य है। वार्षिक रिटर्न समय से दाखिल नहीं करने पर लेट फीस के रूप में धारा 47(2) में सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अर्थ दंड लगाया जा सकता है। गोष्ठी की अध्यक्षता राजेश मेहरा ने की। संचालन संयुक्त सचिव अतुल मेहरोत्रा ने किया। इस मौके पर अध्यक्ष सीएल कानोडिया, नवल किशोर गुप्ता, राकेश स्याल, गोविंद कृष्णा, राजेश कानोडिया आदि रहे।
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