बाजार से गंदे नोटों को मार्च 2018 तक बाहर करेगा 200 का नोट

आज रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए 200 रुपये के नए नोट बाजार में मौजूद करीब 2000 करोड़ रुपये के गंदे नोटों को बाहर कर देंगे।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Fri, 25 Aug 2017 07:57 PM (IST) Updated:Fri, 25 Aug 2017 08:14 PM (IST)
बाजार से गंदे नोटों को मार्च 2018 तक बाहर करेगा 200 का नोट
बाजार से गंदे नोटों को मार्च 2018 तक बाहर करेगा 200 का नोट

कानपुर (जेएनएन)। दो सौ रुपये के नए नोट बाजार में मौजूद करीब 2000 करोड़ रुपये के गंदे नोटों को बाहर कर देंगे। ये नोट नोटबंदी में नकदी संकट के दौरान रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआइ) और बैंकों से जारी किए गए थे। नकद नहीं होने के कारण जनता इन्हें लेने को मजबूर थी। 200 रुपये का नोट आने के बाद इन नोटों को वापस लेना आसान होगा।

मार्च 2018 तक सभी पुराने गंदे नोट वापस हो जाएं, ये लक्ष्य रखा गया है। सूत्रों का कहना है कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 200 रुपये के नोट को एटीएम के लिए जारी नहीं किया जाएगा। बैंकों को एटीएम की कैश ट्रे के नए कांफीग्रेशन के कोई निर्देश नहीं मिले हैं। दो सौ रुपये के नए नोट पहली बार आ रहे हैं इसलिए जब तक इमेज कांफीग्रेशन पूरी नहीं होती तब तक ये नोट एटीएम से जारी नहीं होंगे। ये नोट बैंक काउंटर से ही जारी किए जाएंगे। कानपुर में इन नोटों के पहुंचने की संभावना अगस्त के अंतिम दिनों में है जबकि सितंबर के पहले सप्ताह में ये नोट बैंकों में पहुंच जाएंगे। 

आरबीआइ ने शुक्रवार को चुनिंदा शहरों में नए मूल्य वाले 200 रुपये के नोट जारी किए। आरबीआइ सूत्रों के अनुसार इन नोटों को काफी मात्रा में बाजार में जारी किया जाएगा और बाजार में चल रहे स्वायल (क्लीन नोट पॉलिसी से इतर गंदे और गल चुके) नोट के रेमीटेंस (स्वायल नोट बदलने की प्रक्रिया) के रूप में दिया जाएगा। सिंतबर से ये नोट बैंक के लिए जारी हो जाएं, इसके लिए मांग पत्र लिये जा रहे हैं। इसके लिए आरबीआइ की काउंटिंग शीट में बदलाव हो रहा है। एक बैंक अधिकारी का कहना है कि 200 रुपये के नोट की कैश ट्रे एटीएम में नहीं लगेगी। ये नोट काउंटर से बांटे जाएंगे। इससे स्वायल नोट बाजार से जल्दी बाहर होंगे।

बाजार की जरूरत 200 के नोट

आरबीआइ का कहना है कि चूंकि नोटों को प्रचलन सही रहे इसलिए 1:2:5 के अनुपात में नोटों का मूल्य उचित रहता है। अभी बाजार में एक, दो, पांच रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये के नोट हैं। 100 और पांच सौ रुपये के बीच कोई नोट नहीं था। 200 का नोट बाजार की जरूरत है। क्लीन नोट पालिसी के अनुसार जिस नोट पर लिखा गया हो, रंग हल्का, कागज नरम या नोट पीला पड़ गया हो, वह स्वायल नोट है। ये नोट बाजार में नहीं चलने चाहिए। 

नकदी संकट में थे सहारा

नोटबंदी के दौरान स्वायल नोट ही बाजार का सहारा बने। नकदी संकट दूर करने के लिए आरबीआइ ने सभी बैंकों के रेमीटेंस वापस कर दिए थे। ये नोट सीवीपीएस (करेंसी वेरीफिकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम) के लिए गए थे। उल्लेखनीय है कि आरबीआइ कानपुर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड और आरबीआइ लखनऊ से पूर्वी उत्तर प्रदेश कवर होता है।

एक नजर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में करेंसी चेस्ट : 490 यूपी में करेंसी चेस्ट : 436  आरबीआइ कानपुर में : 259 आरबीआइ लखनऊ में 231 कानपुर में स्वायल नोट : 2000 करोड़ रुपये यूपी-उत्तराखंड में : 25000 करोड़ रुपये

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