Road Safety With Jagran: विभागीय समन्वय और जनता के सहयोग से सुधरेगा ट्रैफिक, पढ़ें- कानपुर डीएम का इंटरव्यू

कानपुर में दैनिक जागरण के अभियान सुरक्षित यातयात पर जिलाधिकारी विशाख जी ने विभागीय समन्वय और जनता के सहयोग से ट्रैफिक सिस्टम में सुधार लाने का दावा किया है। उन्होंने प्रशासन द्वारा उठाये गए कदमों के जल्द परिणाम दिखने की बात कही है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Tue, 29 Nov 2022 01:12 PM (IST) Updated:Tue, 29 Nov 2022 01:12 PM (IST)
Road Safety With Jagran: विभागीय समन्वय और जनता के सहयोग से सुधरेगा ट्रैफिक, पढ़ें- कानपुर डीएम का इंटरव्यू
कानपुर के डीएम विशाख जी ने यातायात व्यवस्था पर बात की।

कानपुर, जागरण संवाददाता। दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा अभियान में जो समस्याएं और सुझाव सामने आए हैं, विभागीय समन्वय, स्मार्ट ट्रैफिकिंग और जनता के सहयोग से उन पर अमल किया जाएगा। सड़क सुरक्षा समिति इस पर काम कर रही है। कुछ जगहों पर समस्याओं का परीक्षण कर उनका हल भी किया गया। सुरक्षित यातायात के लिए प्रशासन ने जो कदम उठाए हैं उनके परिणाम जल्द दिखाई भी देंगे।

एक दिसंबर को इस संबंध में बैठक प्रस्तावित है। माडल रूप में दो सड़कों का चयन किया गया है जहां विभागों और संगठनों से प्राप्त सुझावों को लागू कर परीक्षण किया जाएगा। दैनिक जागरण टीम से वार्ता में जिलाधिकारी विशाख जी ने ये बातें कहीं। प्रस्तुत हैं शहर की कुछ समस्याओं और उनके समाधान पर परिचर्चा के प्रमुख अंश.... रामादेवी व्यस्ततम चौराहा है। सड़क पर अतिक्रमण तो है ही बस, टेंपो और ई-रिक्शा सड़क पर ही सवारी भरते हैं, जिससे जाम लगता है। जाम से निपटने के लिए क्या कर रहे हैं?

एनएचएआइ के साथ पिछले कुछ दिनों से इस पर काम किया जा रहा है। सड़क किनारे कुछ पोल, ट्रांसफार्मर को चिह्नित किया गया है। सड़क किनारे नालियां बनी हुई हैं जो सड़क के लेवल पर नहीं हैं जिससे कुछ समस्या है। यहां बस स्टाप भी हैं। ऐसे ही कुछ रोड ब्लाक को चिह्नित किया गया है। पूर्व में डीसीपी यातायात ने काम किया था। जिन अवरोधों को चिह्नित किया गया है, उन्हें स्थानांतरित करना होगा।

जीटी रोड पर टाटमिल चौराहा पार करते हुए इतना लंबा जाम लगता है कि कई बार वाहनों को दूसरी या फिर तीसरी ग्रीन लाइट तक इंतजार करना पड़ता है। दूसरे व्यस्त चौराहों पर भी ऐसी समस्या है। ऐसा न हो इसके लिए क्या करेंगे?

टाटमिल जैसे अन्य चौराहों पर सुगम यातायात के लिए स्मार्ट सिग्नलिंग सिस्टम पर काम किया जा रहा है। ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए मौके पर खड़े यातायात कर्मियों को भी जरूरत के अनुसार सिग्नलिंग की कमान देने पर विचार किया जा सकता है। इसके लिए एक समिति जनपद स्तर पर बनी है। साथ ही इस चौराहे पर छोटे-छोटे अवरोध हैं जिन्हें दूर करना होगा।

रामादेवी से जाजमऊ हाईवे, भौंती-रूमा एलीवेटेड हाईवे पर गति सीमा के संकेतक नहीं हैं, ऐसा क्यों?

इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिए जाएंगे कि गति सीमा के संकेतक लगाना सुनिश्चित करें। अन्य कमियों का परीक्षण कर उन्हें भी दूर किया जाएगा। झकरकटी बस अड्डे के सामने बने पुराने पुल पर 18 ज्वाइंट हैं जिसमें गड्ढे हो गए हैं।

पीडब्ल्यूडी के एनएच डिवीजन के माध्यम से नया पुल बनाया गया है, इससे वहां यातायात काफी बढ़ा है। इसके विपरीत पुराने पुल के मेंटीनेंस के लिए निर्देश दिए जाएंगे ताकि यातायात सुगम तरीके से चल सके।

स्कूलों की छुट्टी के समय ज्यादा जाम लगता है। इस समस्या का समाधान कैसे होगा?

स्कूल और अभिभावकों को बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी। प्रशासन की ओर से एक सुझाव दिया गया था कि जहां 1500 से अधिक छात्र हैं वहां अलग-अलग कक्षाओं को समयांतराल पर छोड़ा जाए। अक्सर यह भी देखने में आया है कि बच्चों को लाने, ले जाने वाले वाहन सुबह से ही सड़क किनारे खड़े होकर छुट्टी होने का इंतजार करते हैं। कई स्कूलों ने इस पर सकारात्मक भूमिका निभाई जिसमें मैसेज के जरिए छुट्टी का समय बताकर उसी समय अभिभावकों और स्कूली वाहनों को आने के निर्देश दिए गए थे। छुट्टी के समय लोग गेट के सामने खड़े होते हैं। ऐसे में प्रशासन ने पार्किंग के लिए कई स्थान चिह्नित किए थे। इसे लागू करने के लिए आगे बैठकें होनी हैं। शहर के कुछ क्षेत्रों में जहां घनी आबादी में स्कूल हैं वहां विशेष इंतजाम किए जाएंगे।

रामादेवी से फतेहपुर औंग तक 40 किमी में करीब 17 अवैध कट हैं।

नेशनल हाईवे की टीम से इसे चेक कराकर अवैध कट को बंद कराया जाएगा। वहां कर्मचारियों की भी तैनाती कराई जाएगी। स्मार्ट ट्रैफिकिंग को लेकर लंबे समय से कवायद चल रही है, लेकिन यातायात संकेतकों से यातायात चले, ऐसा हो नहीं पा रहा है, क्यों?

स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम के माध्यम से संकेतकों को बेहतर बनाने पर काम चल रहा है। मौजूदा कमियों को दूर करके स्मार्ट लाइटिंग और सिग्नलिंग पर यातायात संचालन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। समिति की होने वाली आगामी बैठक में यह विषय महत्वपूर्ण होगा। ई-रिक्शा की समस्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। चालकों को न तो नियम मालूम हैं और न उन पर कोई बंदिश। कैसे समाधान करेंगे?

ई-रिक्शा के रूट पर यातायात विभाग की ओर से प्रतिबंध लागू किए जा रहे हैं। ई-रिक्शा में एक ही ओर से प्रवेश और निकासी हो इसकी व्यवस्था की जा रही है। पुराने ई-रिक्शा में भी ऐसी व्यवस्था के उपाय किए जाएंगे।

chat bot
आपका साथी