स्मृति शेष : कानपुर के जाजमऊ से मुल्क में निकले थे ऋषि कपूर के डायलॉग
लखनऊ एनकाउंटर की घटना पर ही आधारित मानी जाती है यह फिल्म आतंकी के पिता जाजमऊ निवासी सरताज ने शव लेने से कर दिया था इन्कार।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। जो देश का नहीं हो सकता, वह मेरा बेटा क्या होगा? यह सवाल उठाकर जाजमऊ निवासी सरताज ने अपने उस बेटे सैफुल्ला का अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया था, जिसे 8 मार्च 2017 को लखनऊ के ठाकुरगंज पुलिस ने आतंकी गतिविधियों के कारण एनकाउंटर में मार गिराया था। कुछ ऐसी ही घटना पर आधारित फिल्म मुल्क में ऋषि कपूर इस पिता के डायलॉग दोहराते नजर आते हैं। वह डायलॉग जो इस पिता ने कई बार कहे थे। फिल्म में ऋषि कपूर उस मुस्लिम पिता के वकील बने हैं, जिसका बेटा आतंकवादी निकला और पूरा परिवार इस दाग को झेल रहा है। हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन माना जाता है कि यह फिल्म लखनऊ के ठाकुरगंज में हुए एनकाउंटर पर ही आधारित है। फिल्म कंपनी ने यह बात मानी भी थी कि यह एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है।
आतंकी के पिता ने कहा था कि आतंक का कोई मजहब नहीं
जाजमऊ निवासी सरताज ने एक बार कहा था कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता। बच्चे क्या जानें कि देश की आजादी में हमारे पुरखों ने कितनी कुर्बानियां दी हैं। जिस बेटे को पाल पोस कर परिवार और देश का नाम रोशन करने के लिए बड़ा किया था, वही देश का दुश्मन बन बैठा। फिल्म मुल्क में वकील मुराद अली मोहम्मद का किरदार निभाने वाले ऋषि कपूर का भतीजा आतंकी दिखाया गया है। भतीजे के अपराध के कारण उन्हें और उनके भाई समेत पूरे परिवार को सलाखों के पीछे जाना पड़ता है। ऐसे में मुराद अली जो संवाद बोलते हैं, वह कमोबेश वही हैं, जो कई बार सरताज के मुंह से निकले हैं। दोनों की पीड़ा भी एक ही जैसी है। फिल्म में उनके भतीजे का किरदार प्रतीक बब्बर और बहू का किरदार तापसी पन्नू ने निभाया है। फिल्म के संवाद अब ऋषि कपूर के न रहने पर खूब वायरल हो रहे हैं।