रिवीजन और आत्मविश्वास बना सफलता की कुंजी

जागरण संवाददाता, कानपुर : ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनिय¨रग के परिणाम में शहर के मेधा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Mar 2018 03:53 PM (IST) Updated:Sat, 17 Mar 2018 03:53 PM (IST)
रिवीजन और आत्मविश्वास बना सफलता की कुंजी
रिवीजन और आत्मविश्वास बना सफलता की कुंजी

जागरण संवाददाता, कानपुर : ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनिय¨रग के परिणाम में शहर के मेधावी छा गए। नियमित पढ़ाई, रिवीजन और आत्मविश्वास के बूते इन्होंने सफलता की इबारत लिख दी। गेट की परीक्षा में शानदार सफलता के बाद मेधावी भविष्य के लक्ष्य और सपने सजा रहे हैं। कामयाबी को किस तरह मुट्ठी में किया जा सकता है, यह शहर के इन मेधावियों की जुबानी-

रिवीजन पर था पूरा फोकस

ऑल इंडिया स्तर पर तीसरी रैंक लाने वाली शुक्लागंज निवासी वर्तिका सिंह का कहना है कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में जहां परीक्षार्थी मौजूदा समय के पाठ्यक्रम को ध्यान से तैयार करते हैं, वहीं मैंने फोकस रिवीजन पर रखा था। न्यूमेरिकल की प्रैक्टिस से भी बहुत मदद मिली। यूपीटीटीआइ से टेक्सटाइल केमिस्ट्री की पढ़ाई कर रहीं वर्तिका ने बताया कि उसे भविष्य में आइआइटी-एनआइटीआइ मुंबई से एमटेक की पढ़ाई करनी है। उनके पिता अनिल कुमार सिंह निजी कंपनी में नौकरी करते हैं, मां कुमुदलता वर्मा गृहणी हैं।

घर का मिला साथ तो जीता परीक्षा का मैदान

ऑल इंडिया स्तर पर चौथी रैंक हासिल करने वाली रेलवे कॉलोनी फजलगंज निवासी सुरभि गर्ग का कहना है कि घर का साथ मिला तो परीक्षा का मैदान मार लिया। सीतापुर में लेखपाल बड़े भाई शुभम गर्ग ने यह तक मदद की कि क्या पढ़े और कैसे पढ़े। इलेक्ट्रिक लोको शेड में सीनियर टेक्नीशियन मुकेश मोहन गर्ग की बेटी सुरभि ने कहा कि ऑनलाइन सीरीज के कड़े अभ्यास से पेपर आसानी से हल हो गया। आइआइटी मुंबई से सुरभि इंडस्ट्रीयल इंजीनिय¨रग एंड ऑपरेशनल रिसर्च की पढ़ाई करना चाहती है। भविष्य में उसका इरादा एमटेक करने का है। वह उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान से टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी से अंतिम वर्ष की छात्र है।

योग और मेडिटेशन से भी मिली मदद

ऑल इंडिया पांचवी रैंक लाने वाले दहेली सुजानपुर निवासी शिव सरन सिंह का कहना है कि परीक्षा की तैयारी के लिए मैंने रोजाना पढ़ाई के साथ आधे से पौना घंटे तक योग और मेडिटेशन किया ताकि जितना पढ़ा, वह भूलने के बजाय याद रहे। शिव ने कहा कि उसने नियमित रूप से परीक्षा की तैयारी की। दो बड़ी बहनों और नोएडा में रहने वाले बड़े भाई अभिषेक ने बहुत सपोर्ट किया। शिव ने कहा कि वह भविष्य में एमटेक की पढ़ाई करना चाहता है। पढ़ाई के अलावा शिव को नॉवेल पढ़ना, रिसर्च पेपर देखना, क्रिकेट खेलना, सूफी गाने सुनना बहुत पसंद है। शिव ने 10वीं में 94 फीसद और 12वीं में 88.4 फीसद अंक हासिल किए।

रोज आठ से दस घंटे की पढ़ाई

ऑल इंडिया स्तर पर छठवीं रैंक हासिल करने वाले मऊ स्थित औरंगाबाद चौक निवासी निखिल कुमार ने कहा कि वह भविष्य में इंडस्ट्रीयल मैनेजमेंट से एमटेक करना चाहता है। यूपीटीटीआइ में टेक्सटाइल केमिस्ट्री से तीसरे वर्ष की पढ़ाई के साथ ही उसने गेट की तैयारी शुरू कर दी थी। पाठ्यक्रम के आधार पर निखिल ने रोज 8-10 घंटे तक पढ़ते हुए सफलता हासिल की। ऑनलाइन सीरीज में रोजाना टेस्ट देने से खुद का मूल्यांकन किया। जो कमियां थीं, उन्हें दूर कर लक्ष्य तक पहुंच गए। उसके पिता बालमुकुंद सिंह की कपड़े की दुकान है। मां ऊषा देवी घर पर रहती हैं। इसके अलावा परिवार में पांच बहने हैं।

न्यूमेरिकल और गणित की प्रैक्टिस से मिली सफलता

नौवीं रैंक हासिल करने वाले बर्रा दो निवासी प्रतीक सक्सेना ने कहा कि न्यूमेरिकल व गणित की सटीक प्रैक्टिस से सफलता मिली। फिलहाल आइआइटी, एनआइटीआइ मुंबई से एमटेक व आइआइएससी बेंगलुरु से एमटेक व रिसर्च की तैयारी करने की सोच रहा हूं। प्रतीक ने कहा कि परीक्षा कोई भी हो, अगर आपका आत्मविश्वास मजबूत है और परिवार का साथ है तो आप निश्चित रूप से सफल होंगे। प्रतीक ने 10वीं में 75 फीसद और 12वीं में 88 फीसद अंक हासिल किए। मौजूदा समय में वह उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान से टेक्सटाइल इंजीनिय¨रग की अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं।

अधिकांश ने टॉप 10 में बनाई जगह

टेक्सटाइल के रिजल्ट में टॉप-10 के अंदर अधिकांश मेधावियों ने अपनी जगह बनाई। उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रोफेसर शैलेंद्र मिश्रा व मीडिया प्रभारी डा.नीलू कांबो ने बताया कि टेक्सटाइल में अव्वल रहने वाले टॉप-10 छात्र-छात्राएं छह संस्थानों से ही हैं। उन्होंने बताया कि देर रात तक छात्र-छात्राएं अपना परिणाम जानने के लिए उत्सुक रहे।

एचबीटीयू के इन छात्र-छात्राओं ने मारी बाजी

प्रशांत वाष्र्णेय, 2017-18 बैच, प्रथम रैंक (केमिकल)

स्वयं प्रकाश सिंह, 2016-17 बैच, छठवीं रैंक (सीएस)

अभिषेक बिरला, 2016-17 बैच, सातवीं रैंक (इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन)

देवेंद्र, 2017-18 बैच, पांचवीं, (इलेक्ट्रानिक्स इंजीनिय¨रग)

मुदित सिंह, 2017-18 बैच, 24वीं रैंक (केमिकल)

विभव पांडेय, 2017-18 बैच, 74 वीं रैंक (इलेक्ट्रिकल इंजीनिय¨रग)

अजीत, 2017-17 बैच, 108वीं रैंक (इलेक्ट्रिकल इंजीनिय¨रग)

राहुल कुमार द्विवेदी, 2017-18 बैच, 439वीं रैंक (इलेक्ट्रानिक्स)

यश गुप्ता, 2017-18 बैच, 638वीं रैंक (इलेक्ट्रानिक्स)

एचबीटीयू कुलपति प्रो. नरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय से जितने छात्र-छात्राओं ने गेट के परिणाम में सफलता हासिल की है, उनका सम्मान विश्वविद्यालय करेगा। आगे के वर्षो में छात्र-छात्राएं गेट के परिणाम में बेहतर रैंक हासिल करें, इसके लिए रणनीति तैयार करेंगे।

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