Remdesivir Injection की हेराफेरी का मामला : सिस्टर इंचार्ज ने नोटिस लेने से किया इन्कार, बोलीं... मैं निर्दोष हूं
प्रमुख अधीक्षक डा. ज्योति सक्सेना ने पत्र लिखकर कहा है कि सिस्टर इंचार्ज और फार्मासिस्ट को निलंबित किया जा चुका है। आठ नॄसग स्टाफ आभा दीक्षित सुनील तनु वर्मा अर्चना तिवारी विदेश अनुपम जार्ज संजय साहू और रागिनी को कारण बताओ नोटिस देकर उनका पक्ष जानना जरूरी है।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हैलट में इन कई घपले सामने आ रहे हैं। हाल हि में जो मरीज पहले मर चुके थे, उनके नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी करने का मामला काफी तूल पकड़ रहा है। मामले में दो दिन पहले ही प्रमुख अधीक्षक ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था और आठ स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था। इसके लिए एलएलआर अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक ने मंगलवार को न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड हास्पिटल के अधीक्षक और उपाधीक्षक को पत्र लिखा है, ताकि वहां कार्यरत आठ नर्सिंग स्टाफ को कारण बताओ नोटिस देकर उनका पक्ष लिया जा सके और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सके। प्रमुख अधीक्षक डा. ज्योति सक्सेना ने पत्र लिखकर कहा है कि सिस्टर इंचार्ज और फार्मासिस्ट को निलंबित किया जा चुका है। आठ नर्सिंग स्टाफ आभा दीक्षित, सुनील, तनु वर्मा, अर्चना तिवारी, विदेश, अनुपम जार्ज, संजय साहू और रागिनी को कारण बताओ नोटिस देकर उनका पक्ष जानना जरूरी है। जब मरीजों की मौत हो चुकी थी, तो उन्हेंं इसकी जानकारी कैसे नहीं हुई। उसके बाद भी मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग की। इंजेक्शन के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया। इन बिदुओं पर इसका स्पष्टीकरण लेकर अपनी आख्या एवं नियमानुसार कार्रवाई किए जाने की संस्तुति के साथ अविलंब भेजने की कृपा करें।
नोटिस लेने से इन्कार : रेमडेसिविर की हेराफेरी में प्रथम ²ष्टया जांच में दोषी पाई गई सिस्टर इंचार्ज ने नोटिस लेने से इन्कार कर दिया। उसने प्रमुख अधीक्षक से मिलकर अपने को निर्दोष बताया है।
डीएम की टीम का इंतजार : डीएम की ओर से जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय टीम का मंगलवार को दिनभर मेडिकल कालेज एवं एलएलआर अस्पताल में इंतजार होता रहा। शाम तक टीम जांच के लिए नहीं पहुंची।