Mafia Mukhtar Ansari वाली बांदा जेल से फरार बंदी पकड़ा गया, छिपने के लिए तलाशी थी यह जगह
Mau MLA Mukhtar Ansari Banda Jail जेल सूत्रों के मुताबिक बांदा के थाना गिरवां अंतर्गत ग्राम बरसड़ा बुजुर्ग निवासी विजय आरख को चोरी के एक मामले में वारंट जारी होने पर छह फरवरी को पुलिस ने जेल भेजा था। मंडल कारागार बांदा में चार नंबर बैरक में रखा गया था।
बांदा, जेएनएन। Mau MLA Mukhtar Ansari Banda Jail जिस हाई सिक्योरिटी जेल में माफिया विधायक मुख्तार अंसारी को रखा गया है, वहां की तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर चोरी का आरोपित बंदी रविवार शाम को अचानक लापता हो गया। कई टीमों ने उसे जेल के अंदर, आसपास और बाहर तलाशा पर कुछ पता नहीं चला। हालांकि, 22 घंटे बाद कारागार प्रशासन ने उसे जेल परिसर के अंदर से ही पकड़ने का दावा किया।
बांदा की बैरक 16 में है मुख्तार का ठिकाना: उल्लेखनीय है कि मंडल कारागार बांदा में माफिया विधायक मुख्तार अंसारी को सात अप्रैल 2021 को पंजाब की रूपनगर जेल से लाया गया था। चित्रकूट जेल में गैंगवार और मुठभेड़ में मुख्तार के रिश्ते में भांजे मेराज अली, शार्प शूटर अंशु दीक्षित व कैराना पलायन के मुख्य आरोपित पश्चिमी उप्र के शातिर अपराधी मुकीम काला के मारे जाने के बाद बांदा जेल में सीसीटीवी कैमरों की संख्या 44 की जगह 50 की गई थी। एक कंपनी पीएसी के साथ ही अतिरिक्त बंदीरक्षक भी तैनात किए गए थे।
ये है पूरा मामला: जेल सूत्रों के मुताबिक, बांदा के थाना गिरवां अंतर्गत ग्राम बरसड़ा बुजुर्ग निवासी विजय आरख को चोरी के एक मामले में वारंट जारी होने पर छह फरवरी को पुलिस ने जेल भेजा था। मंडल कारागार बांदा में चार नंबर बैरक में रखा गया था। रविवार दोपहर में वह दूसरे बंदियों के साथ जेल परिसर स्थित कृषि फार्म हाउस में काम करने गया था। रात करीब 8:30 बजे कारागार लॉक करते समय बंदियों की गिनती होने और सीसीटीवी फुटेज में उसके कहीं नजर नहीं आने पर पता चला कि वह शाम 6:45 बजे से गायब है।
देररात एएसपी बांदा महेंद्र प्रताप चौहान, सीओ सिटी राकेश कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट केशवनाथ जेल पहुंचे। जेल और सिविल पुलिस की आधा दर्जन टीमें उसे पकड़ने को लगाई गईं। पूरी जेल का कोना-कोना छाना गया पर कुछ पता नहीं चला। इसके बाद रात करीब 2:40 बजे जेल अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने उसे फरार बताते हुए नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। रविवार सुबह डीएम आनंद कुमार सिंह, एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना व प्रयागराज परिक्षेत्र के डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी भी पहुंचे। सुरक्षा में हुई चूक को लेकर सवाल-जवाब किए।
इस तरह मिला लापता बंदी: सोमवार शाम जेल अधीक्षक ने दावा किया कि डीआइजी जेल के निर्देश पर करीब पौने पांच बजे एक बार फिर से डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह और वार्डन अमित सचान ने जेल के अंदर मुख्य दीवार के आसपास छानबीन शुरू की। उन्हें झाड़ियाें की ओट में बंदी विजय लेटा मिल गया। उसे पकड़कर दोबारा बैरक में लाया गया। उससे पूरे घटनाक्रम को लेकर पूछताछ की जा रही है।
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इनका ये है कहना:
बंदी विजय ने बैरक की छत के रास्ते जेल की दीवार फांदने की कोशिश की थी, लेकिन नीचे गिरने से उसकी कमर में चोट आ गई। इससे वह बाहर नहीं भाग सका। रविवार रात से सोमवार तक भूखा-प्यासा झाडिय़ों के बीच छिपा रहा और पकड़ा गया। - संजीव त्रिपाठी, डीआइजी जेल, प्रयागराज परिक्षेत्र।