बसों में फर्जी यात्रा रोकने के लिए स्मार्टकार्ड

जागरण संवाददाता, कानपुर : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए स्मा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Feb 2017 01:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Feb 2017 01:00 AM (IST)
बसों में फर्जी यात्रा रोकने के लिए स्मार्टकार्ड
बसों में फर्जी यात्रा रोकने के लिए स्मार्टकार्ड

जागरण संवाददाता, कानपुर : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए स्मार्ट कार्ड बनाया जा रहा है। अतिविशिष्ट व शारीरिक अक्षमता रखने वाले व्यक्तियों को किराये में मिलने वाली छूट में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब जिसके पास कार्ड होगा, वही यात्रा कर सकेगा। झकरकटी बस अड्डे पर बुधवार को स्मार्ट कार्ड बनाने का काम शुरू हो गया।

दरअसल, अभी तक जिन्हें सरकार की ओर से किराये में छूट मिलती है, वे अपना प्रमाणपत्र कंडक्टर को दिखा देते हैं। कंडक्टर अपने मांगपत्र में यात्रा का ब्यौरा चढ़ा लेता है, लेकिन जब उसकी जांच होती है तो अधिकांश मामलों में पता चलता है कि यात्रा करने वाले का पास फर्जी था। इसमें दिव्यांग प्रमाणपत्र में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा है।

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इंसेट..

बनवाएं स्मार्ट कार्ड

झकरकटी बस अड्डे पर स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए ये लोग अधिकृत हैं।

ø दिव्यांग: ये अपने साथ एक सहयोगी लेकर मुफ्त यात्रा कर सकते हैं, कोई सीमा नहीं है, चाहे जितने किमी की यात्रा करें।

ø पत्रकार: मान्यताप्राप्त जिलास्तर के पत्रकार को 2500 किमी और राज्यस्तरीय पत्रकार को 5,000 किमी प्रति वर्ष यात्रा अनुमन्य।

ø पुरस्कृत अध्यापक: प्रत्येक वर्ष में 4000 किमी की मुफ्त यात्रा कर सकते हैं।

ø लोकतंत्र सेनानी: चाहे जितने किमी की यात्रा करें।

ø स्वतंत्रता सेनानी: चाहे जितने किमी की यात्रा करें।

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इंसेट..

रोडवेज बसों में छूट के अधिकृत व्यक्ति को दो फोटो, पहचान पत्र, आयु प्रमाण पत्र और सम्मान में सरकार द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र की मूल व छाया प्रति लानी होगी। सभी प्रमाणपत्रों की मूल प्रतियों की जांच होगी और प्रमाणपत्रों से संतुष्ट होने के बाद स्मार्ट कार्ड बनाया जाएगा।

-राजेश सिंह, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, झकरकटी बस अड्डा

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