कोरोना से होने वाली मौत का किया जाएगा ऑडिट, बेहतर उपचार से पाया जाएगा काबू
प्रमुख सचिव चिकित्सा आलोक कुमार बोले- जन सहयोग से रोकेंगे संक्रमण संक्रमित की बढ़ती संख्या चिंता का विषय।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना से होने वाली मौत का ऑडिट किया जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम सरकारी हो या निजी अस्पताल जहां भी मौत हो रही है, उसका ऑडिट कर मौत के कारण का पता लगाएगी। इसके साथ ही एक टीम यह भी देखेगी कि आरआरटी टीम ने संक्रमण की पुष्टि होने पर उन्हें भर्ती कराने में देरी तो नहीं की। ये बातें प्रमुख सचिव चिकित्सा आलोक कुमार ने मंडलायुक्त शिविर कार्यालय में पत्रकारों से कही।
सितंबर में अब तक मिल चुके 6876 मरीज
उन्होंने कहा कि कोरोना से मौतों की दर में कमी आई है, लेकिन हमारा प्रयास है कि अस्पताल आने वाले सभी मरीज स्वस्थ होकर जाएं। जुलाई में 4149 संक्रमित मिले थे, तब 151 लोगों की मौत हुई थी पर अगस्त में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 9825 हुआ तो मौतों की संख्या 238 हुई। सितंबर में अब तक 6876 मरीज मिले हैं और 129 लोगों की मौत हो चुकी है। यह ङ्क्षचता का विषय है कि हर दिन चार सौ केस यहां मिल रहे हैं। संक्रमण रोकने के लिए जनसहभागिता की जरूरत है। बोले, संक्रमितों के संपर्क में आए शतप्रतिशत व्यक्ति की पहचान कर उनके नमूने की जांच कराना हमारी प्राथमिकता है। पहले के मुकाबले यह कार्य अब तेजी से हो रहा है। समय से संक्रमित की पहचान, नमूने की जांच और बेहतर उपचार करना हमारा लक्ष्य है।
मास्क लगवाने के लिए चल रहा जागरुकता अभियान
प्रत्येक व्यक्ति मास्क लगाए इसके लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौत की वजह कई हैं। एक तो बुखार, सर्दी होते ही लोग खुद ही दवाएं खा ले रहे हैं और जब संक्रमण लंग्स तक पहुंच जाता है तक चिकित्सक के पास जा रहे हैं। अगर समय रहते संक्रमण का पता चल जाए और उपचार शुरू हो जाए तो यह दिक्कत नहीं आएगी। शहर में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने कहा कि संक्रमितों के संपर्क में आए लोंगों की पहचान और उनकी जांच का अभियान और तेज होगा। जो लोग होम आइसोलेशन में हैं उनके पास पल्स ऑक्सीमीटर व अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध रहें, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।