Poorva Express Derailed : बोगियां पलटते ही बर्थ से एक दूसरे के ऊपर जा गिरे यात्री

पौन घंटे बाद पहुंचे रेलवे व पुलिस अधिकारियों ने बचाव कार्य शुरू कराया।

By AbhishekEdited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 09:27 AM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 09:27 AM (IST)
Poorva Express Derailed : बोगियां पलटते ही बर्थ से एक दूसरे के ऊपर जा गिरे यात्री
Poorva Express Derailed : बोगियां पलटते ही बर्थ से एक दूसरे के ऊपर जा गिरे यात्री
कानपुर, जेएनएन। कानपुर पहुंचने से पहले ही पूर्वा एक्सप्रेस के पलट जाने से हाहाकार मच गया। तमाम यात्री खुद ही खिड़कियां तोड़कर जैसे-तैसे बाहर निकले। करीब पौन घंटे बाद पुलिस-प्रशासन, रेलवे, स्वास्थ्य विभाग आदि विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत टीमों ने बचाव कार्य शुरू किया। 22 डिब्बों वाली पूर्वा एक्सप्रेस की तीन बोगियां पूरी तरह पलट चुकी थीं, जबकि छह बोगियां पटरी से उतर गई थीं। रेलवे की पटरी भी आड़ी तिरछी हो चुकी थी।

आधी रात गहरी नींद में थे यात्री
रात 12 बजकर 54 मिनट पर जिस वक्त हादसा हुआ, यात्री गहरी नींद में थे। अचानक बोगियां पलटते ही अपनी बर्थ से एक दूसरे के ऊपर जा गिरे। इसके बाद चीखपुकार मच गई। बच्चे और महिलाएं दहशत में आ गए और बुरी तरह चिल्लाने लगे। कई यात्रियों ने लोहे की वस्तुओं और बैगों से एसी कोचों के शीशे तोड़े और किसी तरह एक दूसरे को बाहर निकाला। बुजुर्गों का भी बुरा हाल था। जब तक आरपीएफ, जीआरपी व पुलिस का बचाव दल नहीं पहुंचा, लोग रोते बिलखते रहे। इसके बाद जवानों ने आकर सभी को ट्रेन से पूरी तरह बाहर निकाला और घायलों को एंबुलेंस व अन्य सरकारी वाहनों से अस्पताल भेजना शुरू किया।

तेज आवाज के साथ लगा जोरदार झटका
जमुई बिहार के रहने वाले सुमित कुमार, झारखंड की रितु ने बताया कि इलाहाबाद से ट्रेन के चलने के बाद सभी यात्री कोच की लाइट बंद कर सो रहे थे। चूंकि ट्रेन लेट थी इसलिए कानपुर दो बजे तक पहुंचने की उम्मीद थी। अचानक तेज आवाज के साथ जोर से झटके लगे और ट्रेन पलट गई। इसके बाद कुछ समझ में नहीं आया। महिलाएं और बच्चे चीखने लगे। सभी लोग बुरी तरह घबरा गए थे। ट्रेन पलटने के बाद कुछ समझ में नहीं आया। निकलने की जगह तक नहीं थी। इसके बाद कुछ युवकों ने आकर बैग शीशे पर मारकर शीशे तोड़े और किसी तरह महिलाओं व बच्चों को निकालना शुरू किया।

पौन घंटे बाद पहुंची आरपीएफ
करीब पौन घंटे बाद आरपीएफ व पुलिस की गाडिय़ां मौके पर आईं। इस बीच लोग मोबाइल फोन से पुलिस कंट्रोल रूम का 100 नंबर व रेलवे का हेल्पलाइन नंबर भी मिलाते रहे। फोन मिलने के बाद ही लोगों ने एक दूसरे को ढांढस बंधाना शुरू किया। इसी बीच 12 कोच ट्रेन के आगे निकल चुके थे। वे भी रुके और उनके यात्रियों ने आकर मदद की।

हादसे में ये लोग हुए घायल
जमुई बिहार निवासी सुमित कुमार, लखीसराय बिहार निवासी पवन सिंह, औरंगाबाद बिहार निवासी रविंद्र, पैंट्री कार के कर्मचारी रायबरेली निवासी सतेंद्र, पूर्वी मिदनापुर पश्चिम बंगाल निवासी सिद्धार्थ, जमुई बिहार निवासी शुभम व उनकी बहन ममता, कोलकाता निवासी बसंती दास, औरंगाबाद निवासी संतोष कुमार सिंह, झारखंड निवासी रितु घायल हुए। तीन यात्रियों को फ्रैक्चर भी हुआ है। इसके अलावा करीब दो दर्जन अन्य यात्री।
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