कानपुर में बढ़ते कोरोना का मदरसों की पढ़ाई पर भी असर, लगातार घट रही छात्रों की संख्या

कारोना के बढ़ते संक्रमण का असर मदरसों पर भी पड़ रहा है। यहां पढऩे वाले छात्रों की संख्या दिन पर दिन कम होती जा रही है। दूसरे प्रदेशों से आए छात्र फिर घर को लौटने लगे हैं। लगभग 25 फीसदी तक छात्रों में कमी आई है।

By Abhishek VermaEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 04:17 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 04:17 PM (IST)
कानपुर में बढ़ते कोरोना का मदरसों की पढ़ाई पर भी असर, लगातार घट रही छात्रों की संख्या
कोरोना की वजह से दो साल से शिक्षण कार्य प्रभावित है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मदरसों में छात्रों की संख्या घटने लगी है। मदरसों में पढऩे वाले दूसरे शहरों व प्रदेशों को अधिकांश छात्र पहले ही नहीं आए थे। जो आए भी थे वे भी घर को लौटने लगे हैं। कोरोना संक्रमण से मदरसों छात्रों की संख्या में 20 से 25 फीसद तक कमी आई है। मदरसों में शिक्षण कार्य फिर से प्रभावित होने लगा है। फिलहाल वर्तमान समय में स्कूलों के साथ मदरसे भी बंद चल रहे हैं।

कोरोना काल में मदरसों में दो वर्षों से शिक्षण कार्य प्रभावित है। मदरसों में छात्रों की संख्या भी काफी कम हो गई है। मदरसों में शहर के अतिरिक्त दूसरे प्रदेशों के छात्र भी पढ़ते हैं। इनके रहने व खाने की व्यवस्था भी मदरसों में रहती है। लाकडाउन व कोरोना कर्फ्यू के बाद मदरसों में में पढ़ाई तो शुरु हो गई लेकिन कोरोना काल में अपने घरों को जाने वाले बच्चों बहुत कम संख्या में लौटे हैं। अब दोबारा कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। मदरसों में भी फिलहाल अवकाश चल रहा है। कोरोना की वजह से मदरसों के हास्टल में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्र भी वापस लौटने लगे हैं। मदरसा शिक्षक मौलाना तहसीन रजा कादरी कहते हैं कि कोरोना की वजह से दो वर्षों से मदरसों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। दूसरे प्रदेशों से छात्र पढ़ाई को नहीं आ रहे हैं। टीचर्स एसोसिएशन मदारिस-ए-अरबिया के प्रवक्ता कारी सगीर आलम हबीबी कहते हैं कि मदरसे खुलने पर छात्रों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। दूसरे प्रदेशों में रहने वाले छात्रों से संपर्क कर उनको बुलाया जाएगा।

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