कार्डियोलॉजी के अब हर वार्ड में होगी हृदय रोगियों की इको जांच Kanpur News

निश्शुल्क सरकारी योजनाओं के तहत इलाज मुहैया कराने के लिए बढ़ाए जा रहे हैैं संसाधन।

By AbhishekEdited By: Publish:Tue, 20 Aug 2019 11:52 PM (IST) Updated:Wed, 21 Aug 2019 10:09 AM (IST)
कार्डियोलॉजी के अब हर वार्ड में होगी हृदय रोगियों की इको जांच Kanpur News
कार्डियोलॉजी के अब हर वार्ड में होगी हृदय रोगियों की इको जांच Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) में विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत निश्शुल्क इलाज मुहैया कराने के लिए संसाधन जुटाए जा रहे हैं। इसके तहत हर वार्ड में इलेक्ट्रो कार्डियोग्राफी मशीन (इको) लगाई जाएगी। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में 200 बेड की सुविधा है। यहां हृदय रोग से संबंधित बीमारियों के इलाज और जटिल ऑपरेशन होते हैं।

सरकारी योजना में मिल रहा है निश्शुल्क इलाज

यहां सरकार असाध्य रोग निधि, आयुष्मान भारत योजना और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हृदय रोग से पीडि़त बुजुर्गों से लेकर बच्चों को निश्शुल्क इलाज मुहैया कराया जा रहा है।

मरीजों का अत्यधिक दबाव

योजनाओं के तहत निश्शुल्क इलाज शुरू होने के साथ ही संस्थान में मरीजों का दबाव बढ़ गया है। यहां ओपीडी में औसत 600-1000 मरीज आते हैैं।

बढ़ा रहे हैैं सुविधाएं और संसाधन

मरीजों का दबाव बढऩे पर सुविधाएं और संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। इसके तहत शासन ने 2.50 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। हर वार्ड में इको की सुविधा होने के बाद मरीजों को जांच के लिए शिफ्ट नहीं करना पड़ेगा।

यहां लगेंगी मशीनें

न्यू ओपीडी में दो, इमरजेंसी वार्ड, एचडीयू वार्ड, सीसीयू, पोस्ट ऑपरेटिव सर्जिकल वार्ड, कार्डियक जनरल वार्ड, सर्जिकल आइसीयू, कैथ लैब एवं ऑपरेशन थियेटर में एक-एक मशीन लगेगी।

अभी यहां है सुविधा

हार्ट स्टेशन में तीन, सीसीयू में एक, कैथलैब में एक, प्री ऑपरेटिव वार्ड में एक ईको मशीन है।

एक नजर में संस्थान

140 बेड सामान्य

60 बेड आइसीयू

2.5 करोड़ रुपये मिले उपकरण खरीद को।

शासन को भेजा है प्रस्ताव

संस्थान में सरकारी योजनाओं के तहत निश्शुल्क इलाज शुरू होने से मरीजों का दबाव बढ़ गया है। इसलिए संसाधन एवं सुविधाएं बढ़ाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमति मिलने के बाद तीन इको मशीन मंगाई हैं, सात और का प्रस्ताव भेजा है। ताकि हर वार्ड में इको जांच हो सके।

- प्रो. विनय कृष्ण, निदेशक, लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान  

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