सत्ता हाथी की तरह, उस पर बैठा महावत समाज की तरह

जो छात्र इस समय राजनीति में आ रहे हैं, असल में उन्हें अच्छे और बुरे की पहचान करने में काफी वक्त लगता है।

By Edited By: Publish:Sat, 02 Feb 2019 02:05 AM (IST) Updated:Sat, 02 Feb 2019 02:06 AM (IST)
सत्ता हाथी की तरह, उस पर बैठा महावत समाज की तरह
सत्ता हाथी की तरह, उस पर बैठा महावत समाज की तरह
कानपुर,जेएनएन। जो छात्र इस समय राजनीति में आ रहे हैं, असल में उन्हें अच्छे और बुरे की पहचान करने में काफी वक्त लगता है। पर मेरा मानना है छात्रों को दलों के दलदल से बाहर निकलकर राजनीति में प्रवेश करना चाहिए। एक तरह से कहें तो दलों पर अंकुश करने का काम भी उनका ही है। मेरे विचार से सत्ता हाथी की तरह है, उस पर बैठा महावत समाज की तरह और छात्र गजवाक की भूमिका में होते हैं। जबकि उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों की भूमिका चाणक्य की होनी चाहिए।
शुक्रवार को मुख्य वक्ता पूर्व एमएलसी बिहार हरेंद्र प्रताप पांडेय ने कहीं। वह डीएवी कॉलेज में ¨हदी विभाग व उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में हुई संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। जिसका विषय- 'साहित्य, समाज, राजनीति व आपातकाल' रखा गया था। मुख्य अतिथि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि के पूर्व कुलपति जगदीश उपासने ने कहा कि आपातकाल के दौर में मीडिया को भी विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। विशिष्ट वक्ता उत्तर प्रदेश ¨हदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो.सदानंद गुप्त ने कहा यह दुखद है कि प्रगतिशील लेखक संघ के सदस्यों ने आपातकाल की घोषणा का स्वागत किया। उत्तर प्रदेश भाषा संस्था न के अध्यक्ष राजनारायण शुक्ल ने कहा देश में स्वतंत्रता के बाद भले ही आपातकाल की स्थिति रही, बावजूद इसके जनता ने लोकतंत्र में अपना विश्वास दिखाया। ¨हदी विभागाध्यक्ष डॉ.रेनू दीक्षित ने विभाग की वेबसाइट व ई-पुस्तक 'अन्विति' के विषय में सभी को बताया। यहां कॉलेज प्राचार्य डॉ.अमित श्रीवास्तव, डॉ.कृष्णकांती दीक्षित, डॉ.दया दीक्षित, डॉ.योगेंद्र प्रताप सिंह, डॉ.शिखा विश्नोई आदि मौजूद रहीं।
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