काम की रफ्तार बढऩे के साथ अब कानपुर में मेट्रो को अनुभवी अफसरों की दरकार, तलाश शुरू

कानपुर में कार्य बढऩे के साथ ही अब प्रोजेक्ट निदेशक का नया पद भी सृजित किया गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 02 Aug 2020 06:58 AM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2020 06:58 AM (IST)
काम की रफ्तार बढऩे के साथ अब कानपुर में मेट्रो को अनुभवी अफसरों की दरकार, तलाश शुरू
काम की रफ्तार बढऩे के साथ अब कानपुर में मेट्रो को अनुभवी अफसरों की दरकार, तलाश शुरू

कानपुर, जेएनएन। मेट्रो का जमीन के ऊपर चल रहा कार्य जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, उसे और ज्यादा अनुभव की आवश्यकता महसूस होने लगी है। 55 फीसद से ज्यादा गड्ढे खोद चुकी मेट्रो ने अब अंडरग्राउंड टनल व स्टेशन के लिए भी रुख कर लिया है। मेट्रो के अधिकारियों को मालूम है कि अंडरग्राउंड कार्य में ही सबसे ज्यादा सावधानी की जरूरत है, इसलिए उसने टेंडर के लिए आने वाली कंपनियों को पहले ही उनके अधिकारियों के अनुभव के संबंध में बता दिया है। इन कंपनियों को टेंडर के साथ अपने अधिकारियों का बायोडाटा भी देना होगा।

मेट्रो में आइआइटी से लेकर गुरुदेव स्टेशन तक पाइलिंग का काम पूरा हो गया है। इसमें पिलर लगाने के लिए गड्ढे खोदे जाते हैं। मेट्रो अंडरग्राउंड कार्य के लिए टेंडर भी जारी कर चुकी है। कार्य को बढ़ते देख मेट्रो ने मुख्य प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद सिंह को प्रोजेक्ट निदेशक बना दिया है। साथ ही चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर के पद भी कानपुर में बढ़ा दिए हैं। मेट्रो कानपुर के लिए अपने आंतरिक संगठन को मजबूत कर रहा है। साथ ही टेंडर के लिए आने वाली कंपनियों को साफ कह दिया है कि अंडरग्राउंड निर्माण के खतरों को देखते हुए टनल और स्टेशन के निर्माण के लिए हर प्रमुख पद पर उन लोगों को ही तैनात किया जाएगा जो उसी तरह के कार्य कई वर्ष कर चुके हों। ऐसा इसलिए किया गया है कि ताकि वे निर्माण के दौरान होने वाली घटनाओं को ठीक से हैंडल कर सकें।

अंडरग्राउंड कार्य : अंडरग्राउंड कार्यों को मेट्रो ने दो हिस्सों में बांटा है। इसमें एक हिस्से में टनल निर्माण, अंडरग्राउंड स्टेशन, रैंप, आर्किटेक्चरल फिनिशिंग का कार्य है। दूसरे हिस्से में इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल सिस्टम, इनवायरमेंट कंट्रोल सिस्टम और टनल वेंटीलेशन सिस्टम रहेंगे। दोनों ही हिस्सों के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट मैनेजर होंगे। उनके अधीन डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर, स्टेशन इंचार्ज व अन्य अधिकारी रहेंगे। टनल और अंडरग्राउंड स्टेशन के सिविल वर्क के लिए प्रोजेक्ट मैनेजर वही होगा जो कम से कम 10 वर्ष इसी तरह का कार्य कर चुका हो। दूसरे हिस्से में कुल 15 वर्ष के अनुभव के साथ तीन वर्ष का अनुभव इसी तरह के मेट्रो के कार्य का होना चाहिए। दोनों प्रोजेक्ट में हर स्टेशन के लिए अलग इंचार्ज होंगे।

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