यमुना का जलस्तर बढऩे से कई गांव बने टापू, सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न Kanpur News

कानपुर के घाटमपुर और देहात के मूसानगर क्षेत्र में कई गांवों में घर डूबने से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है।

By AbhishekEdited By: Publish:Mon, 16 Sep 2019 10:15 AM (IST) Updated:Mon, 16 Sep 2019 10:15 AM (IST)
यमुना का जलस्तर बढऩे से कई गांव बने टापू, सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न Kanpur News
यमुना का जलस्तर बढऩे से कई गांव बने टापू, सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। माता टीला व कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। लगातार जलस्तर बढऩे से तटवर्ती गांवों में बाढ़ के हालात बन गए है। नगर के घाटमपुर क्षेत्र और देहात के मूसानगर क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ आने से ग्रामीण पलायन कर रहे हैं। संपर्क मार्ग डूबने से आवागमन बंद हो गया है और लोग नावों का सहारा ले रहे हैं। कई गांव टापू बन जाने से सैकड़ों परिवार फंसे हैं, वहीं सैकड़ों एकड़ फसलें डूबने से किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया। प्रशासनिक अफसरों ने बाढग़्रस्त गांवों का जायजा लेकर राहत कार्य शुरू कराए हैं।

गांवों में बढ़ रहा पानी, ग्रामीण भयभीत

यमुना का जलस्तर बढ़ जाने से घाटमपुर के कछार क्षेत्र की सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं और गड़ाथा, महुवापुरवा व मोहटा गांव के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी जा पहुंचा है। गड़ाथा जाने वाले मार्गों में शाम तक दो फीट ऊंचाई तक पानी बहने और जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से ग्रामीण भयभीत है। मऊ नखत जाने वाले एक मार्ग पर बाढ़ का पानी कई फीट ऊंचाई से बहने के चलते ग्रामीण नाव से आवागमन कर रहे हैं, लेकिन गांव का दूसरा मार्ग खुला होने से स्थितियां नियंत्रण में हैं।

इन गांवों में बाढ़ से दहशत

शनिवार रात 8 बजे के करीब बाढ़ के पानी ने तटवर्ती गांव गड़ाथा, अमिरतेपुर, मोहटा व महुवापुरवा आदि के भीतर प्रवेश करना शुरू किया। तटवर्ती संभुही, लहुरीमई, बगरिया, बीरबल अकबरपुर, मोहटा, टिकरी गौरवा, कोटरा मकरंदपुर, अमिरतेपुर, कटरी काटर आदि गांवों के कछार क्षेत्र के खेतों में बोई गई तिल व अन्य फसलों में बाढ़ का पानी भर गया है।

आठ घरों को खाली कराया

यमुना का जलस्तर बढऩे और बाढ़ का पानी गांवों तक पहुंचने की सूचना पर नायब तहसीलदार हरिश्चंद्र सोनी राजस्व निरीक्षक आभा चौधरी व लेखपालों की टीम के साथ प्रभावित गांवों के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने गांव गड़ाथा में पानी से घिरे आठ मकानों में रहने वाले परिवारों की गृहस्थी को उंचाई पर स्थित उनके ही मकानों में शिफ्ट कराया। तहसीलदार विजय यादव ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढऩे की सूचना पर तटवर्ती गांवों के लेखपालों को वहीं आवासित करके हर घंटे के घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है। बाढ़ से निपटने के सभी इंतजाम कर लिये गए हैं।

गांवों में भरा पानी, चलने लगी नावें

मूसानगर में क्योंटरा बांगर-मुसरिया सड़क पर आवागमन मुश्किल हो गया है। यमुना तट वर्ती इलाके के गांवों में पानी घुस गया है। फसलें जलमग्न हो गई हैं। आढऩ पथार गांव में घरों में पानी भर गया है। इसे लोग घिरी की आशंका बढ़ गई है। बाढ़ को देखते हुए राहत व बचाव के नाम पर मात्र कुछ नावें ही चलाई जा रहीं हैं। बाढ़ ने किसानों की बची खुची फसल को भी बर्बाद कर दिया है। किसानों के हाल बेहाल है। कानपुर देहात तथा हमीरपुर मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है। यमुना नदी के जलस्तर बढऩे से सेंगुर नदी उफान पर है।

पुल के ऊपर से बह रहा पानी

चपरघटा स्थित पुराने पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। ग्राम मुसरिया जाने वालीं सड़कों पर पानी भर जाने से राहगीर परेशान हैं। इसके आढऩ पथार, पड़ाव नगीना मार्गो पानी भरा होने से नावों से आवागमन हो रहा था। मुगल रोड के समीप स्थित मंदिर के पास से ग्राम आढऩ पथार, पड़ाव को जो नावें चलाई जा रहीं हैं। डेढ़ किमी में भरे पानी से गुजर कर गांव वाले आ जा रहे हैं, जो खतरे को दावत देने जैसा है। ग्रामीण मोटर वोट की मांग कर रहे हैं, जिससे अनहोनी से बचा जा सके। घरों में पानी घुस जानें से पूरे गांव में दहशत में हैं। एसडीएम राजीव राज ने बताया कि 5 नावें बाढ़ में लगाई गई हैं, लेखपाल बाढ़ प्रभावित गांवों की देखरेख में लगे हैं।

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