CSJMU में डिजिटल मूल्यांकन और स्टेप मार्किंग न मिलन से फेल हुए कई छात्र, रिजल्ट सुधारने की कर रहे मांग

CSJMU में पहली बार डिजिटल मूल्यांकन शुरु किया गया है। जिसके कारण कई विद्यार्थियों के रिजल्ट में गिरावट आयी है और कुछ फेल हो गए हैं। जब छात्रों ने जांची गई उत्तर पुस्तिकाएं निकलवाकर चेक कराया तो स्टेप मार्किंग के नंबर न देने की सच्चाई सामने आई है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Wed, 05 Oct 2022 04:15 PM (IST) Updated:Wed, 05 Oct 2022 04:15 PM (IST)
CSJMU में डिजिटल मूल्यांकन और स्टेप मार्किंग न मिलन से फेल हुए कई छात्र, रिजल्ट सुधारने की कर रहे मांग
CSJMU में डिजिटल मूल्यांकन के कारण फेल हुए विद्यार्थी।

कानपुर, जागरण संवाददाता। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) की ओर से पहली बार उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटल मूल्यांकन कराए जाने से भी परीक्षा परिणाम पर असर पड़ा और कई विद्यार्थियों के अपेक्षानुसार अंक नहीं आए। कई छात्र फेल हो गए तो कई को उम्मीद के मुताबिक अंक ही नहीं मिल सके। अब ये विद्यार्थी विश्वविद्यालय से रिजल्ट में सुधार की मांग कर रहे हैं। कुछ विद्यार्थियों ने स्क्रूटनी में उत्तर पुस्तिकाएं निकलवाकर अपने शिक्षकों से जांच भी कराई है। एक शिक्षक ने भी यूट्यूब पर कापी अपलोड की हैं।

विद्यार्थियों ने बताया कि पूर्व में जो मूल्यांकन प्रणाली थी, उसमें किसी भी प्रश्न के उत्तर में स्टेप मार्किंग आसानी से हो जाती थी। शिक्षक भी किसी उत्तर को चेक करते समय यह देख लेते थे कि छात्र ने जवाब के कितने स्टेप सही लिखे हैं। इसके आधार पर ही अंक मिल जाते थे।

इस बार डिजिटल मूल्यांकन कराया गया, जिसमें शिक्षकों को कंप्यूटर पर उत्तर पुस्तिकाएं देख सही जवाब पर सही का निशान और गलत जवाब पर क्रास का निशान लगाना था। विद्यार्थियों ने बताया कि कई शिक्षकों ने तो प्रश्नों के उत्तरों में स्टेप के आधार पर मूल्यांकन नहीं किया और पूरे जवाब को क्रास करके जीरो अंक दे दिए। इसी वजह से हजारों विद्यार्थियों के अंक कम आए हैं और कई फेल हो गए।

कानपुर शिक्षक संघ (कूटा) के अध्यक्ष डा. बीडी पांडेय ने बताया कि विषयात्मक उत्तरों में पहले से स्टेप मार्किंग होती रही है, लेकिन इस बार डिजिटल मूल्यांकन के दौरान शिक्षकों के सामने दिक्कत आई। उत्तर में किसी बच्चे ने अगर दो सही स्टेप और तीन गलत स्टेप लिखे हैं तो शिक्षक को सही का निशान लगाकर दो स्टेप के अनुसार अंक देने थे। अगर किसी शिक्षक ने उत्तर में क्रास का निशान लगा दिया तो फिर उस उत्तर में वह अंक नहीं दे पाए। कुछ छात्रों ने शिकायत के बाद स्क्रूटनी से अपनी उत्तर पुस्तिकाएं देखी हैं और चैलेंज मूल्यांकन के लिए आवेदन कर रहे हैं।

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