1857 के क्रांतिवीरों की वीरता देखनी है तो बिठूर संग्रहालय आइए, संजोया है इतना कुछ Kanpur News

बिठूर के नानाराव पेशवा स्मारक में वर्ष 2005 में कानपुर संग्रहालय की स्थापना की गई थी।

By AbhishekEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 05:26 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 05:26 PM (IST)
1857 के क्रांतिवीरों की वीरता देखनी है तो बिठूर संग्रहालय आइए, संजोया है इतना कुछ Kanpur News
1857 के क्रांतिवीरों की वीरता देखनी है तो बिठूर संग्रहालय आइए, संजोया है इतना कुछ Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। बिठूर का इतिहास जितना पुराना है उतना ही गौरवमयी भी है। झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ने अपना बचपन यहीं गुजारा था, युद्ध कौशल भी यहीं सीखा। यहीं से रानी लक्ष्मी बाई की शादी झांसी के राजा गंगाधर राव से हुई थी। बिठूर संग्रहालय इतिहास के इन पलों का गवाह है। गौरवमयी इतिहास को खुद में समेटे इस संग्रहालय में आजादी की पहली लड़ाई 1857 की क्रांति, तात्या टोपे, अजीमुल्लाह खां और अनेक वीरों की वीरता संजोई गई है।

संग्रहालय में देखने को मिलेगा ये सब

बिठूर के नानाराव पेशवा स्मारक में वर्ष 2005 में कानपुर संग्रहालय स्थापित किया गया था। संग्रहालय में कानपुर की बदलती वर्तनी जो वक्त के साथ 21 बार बदली गई का भी जिक्र है। वर्ष 1947 में भारत पाक के बंटवारे के ऐतिहासिक क्षण का फोटो, कुषाण वंश के सिक्के, अंग्रेजों की तलवारें, बाबर काल के पत्र, तात्या टोपे के खंजर से जुड़ी कई निशानियां यहां हैं। संग्रहालय बिठूर का पौराणिक महत्व भी समेटे हुए है। 1857 की क्रांति का इतिहास, 28 फरवरी 1858 में तात्या टोपे के परिवार का रिहाई परवाना भी यहां मौजूद हे। बिठूर के मुख्य मंदिरों के दर्शन की फोटो, समाचार पत्र 'प्रताप' का इतिहास, लाला ठंठीमल द्वारा शुरू की गई डाक सेवा जैसी जानकारियां भी यहां मिलती हैं।

यहां मौजूद मुद्रा बयां करती संपन्नता

चौथी सदी से लेकर 19वीं सदी के सिक्के, भक्तांबर शास्त्र व ज्योतिष शास्त्र के साथ गणेश शंकर विद्यार्थी वीथिका, महात्मा गांधी पर जारी दुर्लभ डाक टिकट और अंग्रेजी हुकूमत में जारी शाही फरमान भी संग्रहालय में रखे गए हैं। प्राचीन शिल्प लेख, देश में जारी एक रुपये से लेकर दस हजार तक के नोट भी यहां मौजूद हैं जो भारत की संपन्नता की कहानी बयां करते हैं।

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