मनीष हत्याकांड : सामने आया दिल दहलाने वाला सच, पुलिस वालों ने घसीट-घसीट कर मारा, दीवारों से लड़ाया था सिर
गोरखपुर के होटल में कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड में सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल की है । घटनाक्रम का सच सामने आ गया है जिसमें दिल दहलाने वाली पुलिस वालों की बेरहमी की दास्तान है ।
कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर के बर्रा निवासी प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड में सीबीआइ की चार्जशीट में हत्या को लेकर क्या घटनाक्रम दर्ज है, यह तो आने वाले दिनों में सामने आएगा। लेकिन, माना यही जा रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी एसआइटी (विशेष जांच दल) की जांच पर ही आगे बढ़ी। एसआइटी की जांच में कहा गया था कि पुलिस वालों ने मनीष गुप्ता की बर्बरता के साथ पिटाई की थी। मनीष के सिर में चोट गिरने से नहीं लगी थी, बल्कि पुलिस वालों ने उनको बालों से पकड़कर सिर दीवारों पर टकराया था। उनकी जमकर पिटाई भी हुई थी।
सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआइ को जांच में क्या मिला, यह चार्जशीट के तथ्य सामने आने के बाद ही खुल सकेगा। लेकिन, एक बात तय है कि सीबीआइ पूर्व की एसआइटी जांच पर ही आगे बढ़ी। एसआइटी यही मानकर चल रही थी कि मनीष गुप्ता की पुलिस वालों ने हत्या की है। एसआइटी की जांच में जो राज सामने आए थे, वह बेहद चौकाने वाले हैं। सीबीआइ जांच के चलते एसआइटी से जुड़े अफसरों ने मुंह सिल रखा था, मगर चार्जशीट दायर होने के बाद एसआइटी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दैनिक जागरण के साथ जांच के ङ्क्षबदुओं को साझा किया। उनके मुताबिक पुलिस होटल में वसूली के उद्देश्य से गई थी। इरादा तो हत्या का नहीं था, लेकिन मनीष गुप्ता ने सवाल जवाब किए तो गोरखपुर के थाना रामगढ़ ताल के तत्कालीन इंसपेक्टर जगत नारायण सिंह का पारा चढ़ गया।
एसआइटी ने अपनी जांच में पाया था कि जगत नारायण सिंह बहुत ही जल्दी आपा खोने वाला पुलिस अधिकारी था। उसने मनीष के बालों को अपने हाथ से पकड़ा और होटल के कमरे की दीवारों से कई बार लड़ाया। उसका सिर फूट गया। दीवारों में मिले खून के धब्बे इस बर्बरता की गवाही दे रहे हैं। एसआइटी को होटल के कमरे की फर्श, दीवार के अलावा, लिफ्ट, सीढिय़ों के अलावा पुलिस की जीप और यहां तक पुलिस वालों के डंडों में भी खून की मौजूदगी मिली थी। पुलिस वालों ने कमरे में मनीष की डंडों से तब भी पिटाई की, जब उसका सिर फूट चुका था।
जिन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा, उनमें ही चार्जशीट : सीबीआइ ने उन्हीं धाराओं में आरोपित पुलिस वालों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, जिनमें मुकदमा दर्ज हुआ था। केवल एक राय होकर घटना को कारित करने की धारा 34 की बढ़ोतरी की है।