खुशियों के लिए लड़ा फिर निराश हो लगाया मौत को गले, सुसाइड नोट में 'अपनों' को ठहराया दोषी Kanpur News

युवक की पैंट की जेब में सुसाइड नोट मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है।

By AbhishekEdited By: Publish:Thu, 08 Aug 2019 07:09 PM (IST) Updated:Fri, 09 Aug 2019 09:53 AM (IST)
खुशियों के लिए लड़ा फिर निराश हो लगाया मौत को गले, सुसाइड नोट में 'अपनों' को ठहराया दोषी Kanpur News
खुशियों के लिए लड़ा फिर निराश हो लगाया मौत को गले, सुसाइड नोट में 'अपनों' को ठहराया दोषी Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। कहा जाता है जिंदगी एक जंग...। जी हां, बिधनू के मगरासा गांव के नरेश के लिए पिछले 12 साल से जिंदगी एक जंग की तरह बन गई थी। हर रोज वह परिवार की खुशियां बचाने के लिए जद्दोजहद में जुटा था। आखिर गुरुवार को निराश नरेश ने हार मान ली और मौत को गले लगा लिया। उसने सुसाइड नोट में इस कदम के लिए अपनों को ही दोषी बताया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।

13 साल पहले हुई थी शादी

मगरासा गांव निवासी किसान गेंदालाल शाहू के 35 वर्षीय बेटे नरेश की शादी 13 साल पहले मझावन निवासी रविशंकर की बेटी श्वेता से की थी। उसे दो बच्चे 6 वर्षीय बेटी श्रद्धा और 8 वर्षीय बेटा आकाश है। आरोप है कि शादी के कुछ दिन बाद से श्वेता अपनी मां, पिता और भाइयों के साथ मिलकर नरेश को परेशान करने लगे थे। इसके चलते वह परिवार से अलग रहने लगा था। नरेश 12 साल से परिवार की खुशियों के लिए अपने जीवन से जंग लड़ रहा था।

जहर खाकर दे दी जान

बुधवार की पूरी रात और गुरुवार सुबह तक उसका पत्नी श्वेता से झगड़ा होता रहा। कुछ देर बाद उसने जहरीला पदार्थ खा लिया। हालात बिगडऩे पर बड़ा भाई सुरेश ग्रामीणों की मदद से उसे अस्पताल ले जाने लगा लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। पुलिस को तलाशी के दौरान नरेश की पैंट की जेब से सुसाइड नोट मिला। इसमें उसने पत्नी व ससुरालीजनों पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया। इसकी जानकारी पर आक्रोशित भाई सुरेश, पिता, गेंदा लाल, मां ननकी ने श्वेता और उसकी मां लक्ष्मी शाहू की पिटाई कर दी। पुलिस ने महिला सिपाही की मदद से मां-बेटी को बचाया और हिरासत में थाने ले गई। थाना प्रभारी अनुराग सिंह ने बताया कि पत्नी से झगडऩे के बाद युवक ने ऐसा कदम उठाया है। सुसाइड नोट और तहरीर के आधार कार्रवाई की जाएगी।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी