गत्ता, थर्माकॉल व लकड़ी से बने मॉडल बनाते हैं भौतिकी को रुचिकर

जागरण संवाददाता, कानपुर : गत्ता, थर्माकॉल व लकड़ी इन चीजों से बने मॉडल भौतिक विज्ञान के

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Aug 2017 03:00 AM (IST) Updated:Sun, 13 Aug 2017 03:00 AM (IST)
गत्ता, थर्माकॉल व लकड़ी से बने मॉडल बनाते हैं भौतिकी को रुचिकर
गत्ता, थर्माकॉल व लकड़ी से बने मॉडल बनाते हैं भौतिकी को रुचिकर

जागरण संवाददाता, कानपुर :

गत्ता, थर्माकॉल व लकड़ी इन चीजों से बने मॉडल भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों को बड़ी आसानी से समझाने का दम रखते हैं। छोटे-छोटे प्रयोगात्मक अध्ययन से इस विषय को समझना न केवल आसान हो जाता है बल्कि वह रुचिकर भी बनता है। क्राइस्ट चर्च डिग्री कालेज में प्रायोगिक भौतिकी कार्यशाला में रखे आइआइटी मद्रास के प्रोफसर रहे भौतिकविद् व वैज्ञानिक प्रो. आर श्रीनिवासन के प्रायोगिक मॉडल इस बात के गवाह बने। देशभर से आए भौतिकविदों ने अपने शोध व प्रयोगात्मक अध्ययन से कई सिद्धांतों को बताया।

इंडियन एकेडमी आफ साइंस बेंगलुरु व इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी दिल्ली व नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इंडिया इलाहाबाद के संयुक्त तत्वावधान में होने वाली इस राष्ट्रीय कार्यशाला में डा. श्रीनिवासन के 26 से अधिक छोटे-छोटे प्रयोगात्मक मॉडल रखे गए हैं। इन्होंने प्रायोगिक भौतिकी के सर्वाधिक 85 राष्ट्रीय कार्यशालाएं व रिफ्रेशर कोर्स में भाग लेकर यह प्रायोगिक मॉडल बनाए हैं। कालेज में भौतिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश द्विवेदी ने बताया कि उनके मॉडल में यांत्रिकी, ऊष्मा गतिकी, सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रानिक, ठोस अवस्था भौतिकी के मॉडल शामिल हैं। श्रीनिवासन की प्रायोगिक अध्ययन की किट में चुआ सर्किट व फाइगेन बम सर्किट यह दो प्रयोग भी उन्होंने डिजाइन किए हैं।

स्कूल स्तर पर यह मॉडल बेहद कारगर : कार्यशाला में भौतिकविदों ने बताया कि स्कूल स्तर पर छोटे मॉडल बेहद कारगर साबित होते हैं। बड़े-बड़े सिद्धांतों व न्यूमेरिकल को समझना इनसे आसन हो जाता है। नौवीं, दसवीं, 11वीं व 12वीं के छात्रों तक यह मॉडल पहुंचने चाहिए।

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