हज के लिए इस बार नहीं पड़ेगी लाटरी, निर्धारित कोटा से कम आए हैं आवेदन Kanpur News
पांच वर्षों में एक लाख रुपये महंगा हुआ है हज पिछले साल बढ़े थे 30 हजार रुपये इस बार भी वृद्धि की उम्मीद।
कानपुर, जेएनएन। पिछले पांच वर्षो में हज यात्रा लगभग एक लाख रुपये मंहगी हो गई है। यही वजह है कि उप्र में हज का कोटा बढऩे के बावजूद इस वर्ष यात्री कम हुए हैं। यही वजह है कि इस बार कोटा से कम आवेदन आने के कारण बिना लाटरी के ही हज यात्रियों का चयन हो गया।
इस बार 28 हजार ही आए आवेदन
हज यात्रा पर नजर डालें तो उप्र में वर्ष 2014 से 2019 तक ग्र्रीन श्रेणी का किराया 98,757 रुपये बढ़ गया है। इन पांच वर्षों में अजीजिया श्रेणी के किराये में 92,472 रुपये की वृद्धि हुई है। पिछले साल हज यात्रा में 30 हजार रुपये बढ़ा दिए गए थे। इस बार भी हज यात्रा के किराये में वृद्धि होने का अनुमान है। यही वजह है इस वर्ष उप्र में कोटे से काफी कम आवेदन आए। पिछले वर्ष 30,237 यात्रियों का कोटा निर्धारित था, जबकि 34,397 आवेदन आए थे। ऐसे में लाटरी सिस्टम नहीं अपनाना पड़ेगा। इस साल कोटा 32 हजार कर दिया गया, लेकिन आवेदन 28 हजार ही आए। तंजीम खुद्दाम हज कमेटी के अध्यक्ष हाजी नईमुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि मंहगी हज यात्रा की वजह से आवेदन करने वाले कम हो गए हैं। वहीं मास्टर हज ट्रेनर शारिक अलवी कहते हैं कि सरकार हज यात्रियों की सहूलियत का ध्यान रखे।
वर्ष 2017 में सबसे ज्यादा आवेदन
हज यात्रा के लिए वर्ष 2017 में सबसे ज्यादा 51375 आवेदन आए थे, तब 29017 हज यात्रियों का कोटा निर्धारित था। वर्ष 2018 में 29851 का कोटा था, जबकि 42914 आवेदन आए।
पांच वर्षों में हज यात्रा का किराया
वर्ष ग्र्रीन श्रेणी अजीजिया श्रेणी
2019 290850 253800
2018 260100 225950
2017 236350 202950
2016 218400 184500
2015 192093 161378
(किराया रुपये में है)