धूल के गुबार में हांफ रही जिंदगी

जागरण संवाददाता, कानपुर : जिसने जहां चाहा, जैसे चाहा, सड़क खोदना शुरू कर दिया। काम निपटाया अ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Nov 2017 01:20 AM (IST) Updated:Fri, 10 Nov 2017 01:20 AM (IST)
धूल के गुबार में हांफ रही जिंदगी
धूल के गुबार में हांफ रही जिंदगी

जागरण संवाददाता, कानपुर : जिसने जहां चाहा, जैसे चाहा, सड़क खोदना शुरू कर दिया। काम निपटाया और सड़क जस की तस छोड़ दी। अब धूल के गुबार उड़ रहे हैं और उनके बीच शहरवासी हांफते हुए आवागमन को मजबूर हैं।

शहर का शायद ही ऐसा कोई कोना हो जो खोदाई से अछूता हो। कभी सीवर व जलापूर्ति लाइन डालने, तो कभी केस्को के केबिल, सीयूजीएल के पाइप, निजी मोबाइल कंपनियों द्वारा केबिल डालने के लिए खोदाई कर दी जाती है। अपना काम निपटाने के बाद गढ्डे को भरकर कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। इसके बाद उससे उड़ने वाली धूल आसपास रहने वाले और उस रास्ते से गुजरने वालों का जीना दूभर कर देती है।

अभी यहां सांस लेना मुश्किल

दादानगर, विकास नगर से गंगा बैराज, गुमटी नंबर पांच से कोकाकोला चौराहा जवाहर नगर, किदवईनगर, लक्ष्मणबाग से कंपनी बाग चौराहा तक, नवाबगंज, काकादेव, जूही गौशाला, जूही नहरिया, पांडुनगर, श्यामनगर, गंगा बैराज से कंपनी बाग,आर्यनगर तक खोदी गई सड़कों का हाल बेहाल है।

नाला खोदाई कर लगाए मिंट्टी के ढेर

विकास नगर में नाला खोदाई के समय निकली मिंट्टी के ढेरों को वहीं किनारे लगा दिया गया है। तेजी से गुजरते वाहनों के कारण दिनभर धूल उड़ती रहती है।

जल निगम को भेजी नोटिस

नगर निगम ने सड़क खोदाई को लेकर जल निगम को नोटिस भेजी है जबकि केस्को को भेजने की तैयारी है। नगर निगम के मुख्य अभियंता मनीष सिंह ने बताया कि जल निगम को नोटिस भेजकर कहा गया है कि खोदी गई सड़कों को जल्द मोटरेबल कराएं नहीं तो जुर्माना वसूला जाएगा। इधर केस्को द्वारा कराई जा रही खोदाई के बाबत रोड कटिंग शुल्क तो जमा है लेकिन कभी यहां, कभी वहां खोदाई किए जाने से सड़कों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। केस्को के साथ ही निजी मोबाइल कंपनी को भी नोटिस भेजी जा रही है।

इन मानकों का पालन जरूरी

खोदाई के समय बैरीकेडिंग व टीनशेड लगाया जाए ताकि धूल बाहर की ओर न जाए। खोदाई में निकली मिंट्टी को मौके से हटा दिया जाए। खोदाई स्थल पर लाल रंग से सावधान लिखा बोर्ड लगाना चाहिए। खोदाई के दौरान पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए। काम पूरा होने के बाद सड़क को मोटरेबल कर दिया जाए ताकि वाहनों के चलने से धूल न उड़े।

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