कानपुर के इस अनोखे स्कूल को देख रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी प्रतिक्रिया, जानिए- क्या कहा

Kanpur Schools Reopening परिषदीय विद्यालय बेहटा की प्रधानाध्यापक को जाता है श्रेय। स्कूल जाने से आनाकानी करने वाले बच्चे भी अब आते हैैं पूरे मन से। स्कूल में कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक में 135 बच्चे एवं छठवीं से लेकर आठवीं तक में 61बच्चे पढऩे के लिए आते हैैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 12 Feb 2021 07:10 AM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2021 01:11 PM (IST)
कानपुर के इस अनोखे स्कूल को देख रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी प्रतिक्रिया, जानिए- क्या कहा
कानपुर के भीतरगांव स्थित परिषदीय विद्यालय का रंग-रोगन एकदम शताब्दी एक्सप्रेस की तरह ही किया गया है।

कानपुर, जेएनएन। Kanpur Schools Reopening कहते हैं, अगर आपके अंदर रचनात्मकता का गुण विद्यमान हो तो नवाचार करने में सफलता जरूरत मिलती है। इस बात को साबित कर दिखाया है परिषदीय विद्यालय बेहटा गंभीरपुर की प्रधानाध्यापक ईला पांडेय ने। करीब दो साल पहले उन्होंने भीतरगांव स्थित उच्च परिषदीय विद्यालय बेहटा गंभीरपुर को नया रूप देने के लिए यू-ट्यूब पर राजस्थान के एक स्कूल की तस्वीरें देखीं। पूरा स्कूल इस तरह दिख रहा था, मानो रेलवे का कोच हो। बस फिर क्या था, ईला ने ग्राम पंचायत अधिकारी से बात करके अपने स्कूल को भी रेलवे के कोच जैसा नजारा देने की बात कही। आनन-फानन ही डिजाइन तैयार हुई और स्कूल को रेलवे का कोच जैसा बनवा दिया।

शताब्दी एक्सप्रेस के डिब्बे जैसी दिखती हैं दीवारें

ईला बताती हैं, दीवारों को लाल रंग से इसलिए रंगवाया गया है, ताकि वह शताब्दी एक्सप्रेस के डिब्बे जैसी दिखे। उन्होंने कहा, जैसे ही स्कूल को नया रूप मिला तो हर किसी ने इसकी सराहना की। बोलीं प्रदेश के कई जिलों से शिक्षकों ने स्कूल की डिजाइन भी भेजने को कहा। बोलीं प्रधान धीरेंद्र सिंह ने भी स्कूल को तैयार कराने में बहुत मदद की।

उत्साह और उमंग के साथ बच्चे आने लगे स्कूल

वैसे तो परिषदीय और उच्च परिषदीय विद्यालयों में बदहाली के चलते बच्चे स्कूल नहीं आते हैं। हालांकि उच्च परिषदीय विद्यालय बेहटा गंभीरपुर में स्कूल का नजारा देखते हुए बच्चे पूरे उत्साह और उमंग के साथ आते हैं। स्कूल में कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक में 135 बच्चे एवं छठवीं से लेकर आठवीं तक में 61बच्चे पढऩे के लिए आते हैैं।

रेल मंत्री ने ट्वीट कर रचनात्मकता को सराहा

बता दें कि कानपुर के भीतरगांव स्थित इस स्कूल को शताब्दी एक्सप्रेस के स्वरूप में देख रेल मंत्री पीयूष गोयल भी खुद को ट्वीट करने से रोक न सके।

उन्होंने इस क्रिएटीविटी की सराहना करते हुए लिखा कि इस प्रकार के प्रयोग बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करते हैं। 

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