कानपुर के पंचमुखी हनुमान मंदिर में महंत की गद्दी को लेकर फिर हुआ विवाद, थाने पहुंचे दोनों पक्ष

ब्रह्मलीन रमाकांत के कमरे पर कब्जे का आरोप लगाते हुए महंत कृष्ण दास ने बताया कि गुरुवार को दूसरे पक्ष के सुरेश दास कमरे के बाहर खड़े होकर गाली गलौज करने लगे। विरोध करने पर सुरेश दास ने मारपीट शुरू कर दी।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Thu, 10 Dec 2020 03:10 PM (IST) Updated:Thu, 10 Dec 2020 03:10 PM (IST)
कानपुर के पंचमुखी हनुमान मंदिर में महंत की गद्दी को लेकर फिर हुआ विवाद, थाने पहुंचे दोनों पक्ष
पनकी महंत रमाकांत के निधन के बाद से ही गद्दी को लेकर शुरू हुआ विवाद

कानपुर, जेएनएन। कल्याणपुर, पनकी के पंचमुखी हनुमान मंदिर में महंत की गद्दी के लिए चल रही रस्साकशी में गुरुवार को नया विवाद हो गया। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर गाली गलौज व मारपीट का आरोप लगाते हुए पनकी थाने में तहरीर दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पनकी महंत रमाकांत के निधन के बाद से ही गद्दी को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

ब्रह्मलीन रमाकांत के कमरे पर कब्जे का आरोप लगाते हुए महंत कृष्ण दास ने बताया कि गुरुवार को दूसरे पक्ष के सुरेश दास कमरे के बाहर खड़े होकर गाली गलौज करने लगे। विरोध करने पर सुरेश दास ने मारपीट शुरू कर दी। वही सुरेश दास ने कृष्ण दास व उनके बेटे पर मारपीट का आरोप लगाया। सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले आई। पनकी थाना प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों को दो-दो लाख रुपए में पाबंद कर सशर्त थाने से छोड़े गए थे। जिस का उल्लंघन किया गया है। प्रशासन को रिपोर्ट भेज कर पाबंद की गई रकम को जप्त किया जाएगा। 

इनका ये है कहना

वह अपने निजी कार्य में व्यस्त थे तभी वहां पहुंचे महंत कृष्ण दास व उनके बेटे ने गाली-गलौज करते हुए उनके साथ मारपीट की। जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को दी।                  

                                                                                                                                    सुरेश दास

इनका ये है कहना

पिछले कई दिनों से ब्रह्मलीन रमाकांत के कमरे में कब्जे का प्रयास किया जा रहा है। जिसका विरोध करने पर सुरेश दास गाली गलौज करने लगते हैं। 

                                                                                                                               महंत कृष्णदास

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