कब्जों में गुम हो गई कानपुर की एक नहर, कूड़ा और मलबा डालकर बना लिये प्लेटफार्म
कानपुर में जेके मंदिर के गेट से लेकर लाजपत नगर तक नहर को पाट दिया गया है कभी इसी नहर से पानी ट्रीट करके भेजा जाता था। बअ गंदगी के कारण लोगों का आवागमन तक दूभर हो ग रहा है।
कानपुर, जेएनएन। एक तरफ वायु प्रदूषण रोकने के बात चल रही है वहीं जेके मंदिर गेट से लेकर लाजपत नगर तक नहर को गंदगी अौर मलबे से पाट दिया जा रहा है। गंदगी के कारण सड़क पर लोगों का निकलना दूभर हो गया है और कब्जा भी शुरू हो गया है। कूड़ा और मलबा डालकर प्लेटफार्म बनाकर वाहन खड़े करके बेचे जा रहे हैं।
लोअर गंगा कैनाल से जलकल मुख्यालय रोज पांच करोड़ लीटर पानी ट्रीट के लिए भेजा जाता है। पहले नहर के माध्यम से पानी भेजा जाता था बाद में जवाहर लाल नेहरू नेशनर अरबन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूअारएम) योजना के तहत अरमापुर से जलकल मुख्यालय तक पाइप डाल दिया गया है। नहर अभी भी खुली हुई थी। अब नहर में कब्जा शुरू हो गया है। जेके मंदिर से लाजपत नगर तक लोगों ने नहर को कूड़े अौर मलबे से भरना शुरू कर दिया है। साथ ही बराबर करके कब्जा करना शुरू कर दिया है। लोगों ने रहने के लिए झोपड़ी डालने के साथ ही वाहन बेचने के लिए प्लेटफार्म बना दिया है। इसमें रोज वाहन खड़े होते है।
वहीं नहर में भरी गंदगी से उठती बदबू के कारण वाहन सवारों को निकलना मुश्किल हो गया है। कौशलपुरी को लाजपत नगर को यह सड़क जोड़ती है। इसे रोज ही पचास हजार वाहन गुजरते है। विकास मिश्रा, अंकुर त्रिवेदी, हिमांशु बाजपेयी ने बताया कि एक तरफ शहर को वायु प्रदूषण मुक्त बनाने का बात हो रही है वहीं यहां पर गंदगी फैली पड़ी है। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि नहर की गंदगी को साफ कराया जाएगा।