छोटी इंडस्ट्री है और विदेश में भी फैलाना चाहते हैं व्यापार तो आपके काम की है ये खबर

सेमिनार में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कई अहम जानकारियां दी हैं।

By AbhishekEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 10:19 AM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 10:19 AM (IST)
छोटी इंडस्ट्री है और विदेश में भी फैलाना चाहते हैं व्यापार तो आपके काम की है ये खबर
छोटी इंडस्ट्री है और विदेश में भी फैलाना चाहते हैं व्यापार तो आपके काम की है ये खबर

कानपुर, जेएनएन। छोटी इंडस्ट्री है लेकिन काम अच्छा चल रहा है, अब व्यापार को विदेश तक फैलाना चाहते हैं लेकिन कई समस्याएं हैं...। इनके समाधान के लिए शहर के एक होटल में उद्यमियों और निर्यातकों के लिए वित्तीय सुविधाओं व विदेश में व्यापार करने के असर के लिए हुई सेमिनार में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजय कुमार ने कई अहम जानकारियां दी।

उन्होंने कहा, अब अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत अन्य देशों में शहर के छोटे उद्योग कदम जमा सकेंगे। उन उद्योगों को भी इसका लाभ मिल सकेगा जिन्होंने विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर काम नहीं किया है। उन्हें एक्जिम बैंक 'लाइन ऑफ क्रेडिट' के जरिए वित्तीय मदद देगा। उनकी ईजाद की हुई तकनीक, मशीनरी व सर्विस विदेश में देने के लिए बैंक से ऋण लेने के लिए परेशान नहीं होना होगा।

उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में ऐसे उद्यम हैं जो विदेश में भी अपना व्यवसाय फैला सकते हैं। अभी उद्यमी बैंकों से ऋण लेकर अपनी तकनीक और मशीनरी तैयार कर विदेश को बेचते हैं। ऋण चुकाना उनके लिए कई बार बहुत मुश्किल हो जाता है। भारत सरकार का एक्जिम बैंक उनका यह काम आसान करेगा। डीपीआर, तकनीक व काम करने की योजना पसंद आने पर निर्यातकों को पैसा देगा। दूसरे देशों से संबंध मजबूत करने और देश का व्यापारिक घाटा दूर करने के लिए सरकार इस परियोजना में सेतु काम काम कर रही है।

ई-बीडिंग में शामिल होना होगा

एक्जिम बैंक के चीफ जनरल मैनेजर सुदत्ता मंडल ने बताया कि इसके तहत 20 बिलियन यूएस डॉलर (14 खरब 30 अरब 67 करोड़) का कांट्रेक्ट होना बाकी है। इसका लाभ लेने के लिए इंडस्ट्री को ई-बीडिंग में शामिल होना होगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। एक्जिम बैंक उन्हें वित्तीय सुविधा देने के साथ सलाह भी देता है।

लेदर प्रोसेसिंग यूनिट बाहर लगा सकेंगे उद्यमी

आयात निर्यात विशेषज्ञ जफर फिरोज ने बताया कि एक्जिम बैंक की यह योजना शहर के चर्म उद्यमियों के लिए अच्छी हो सकती है। लाइन ऑफ क्रेडिट की मदद प्रोसेसिंग यूनिट को विदेश में लगाया जा सकता है।

उद्योग के साथ रोजगार भी बढ़ेगा

एचएएल के फाइनेंस हेड वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इस योजना के तहत सिविल को छोड़कर 75 फीसद स्रोत भारतीय होना चाहिए। इससे उन तकनीशियन व श्रमिकों को भी लाभ मिलेगा जो किसी भी उद्यम के प्रोजेक्ट का हिस्सा होंगे।

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