कानपुर : मेट्रीमोनियल साइट से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का सदस्य गिरफ्तार, इस तरह फंसाता था जाल में

नवाबगंज निवासी महिला फार्मासिस्ट ने बीते छह अक्टूबर को मेट्रीमोनियल साइट के जरिए 1.25 लाख की ठगी करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसकी जांच क्राइमब्रांच कर रही थी। इसी के बाद आरेपी पुलिस से हत्थे चढ़ा है।

By Abhishek VermaEdited By: Publish:Mon, 10 Jan 2022 09:39 PM (IST) Updated:Mon, 10 Jan 2022 09:39 PM (IST)
कानपुर : मेट्रीमोनियल साइट से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का सदस्य गिरफ्तार, इस तरह फंसाता था जाल में
गिरफ्तार हुआ बरेली का युवक खाते में रुपये आने के बाद बांटता था।

कानपुर, जागरण संवाददाता। मेट्रीमोनियल साइट के जरिए महिलाओं संग ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के एक शातिर ठग को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपित खाते में रुपये आने के बाद गिरोह के अन्य सदस्यों में बांटने का काम करता था। उसके दस खातों के बारे में जानकारी हुई है। जिसमें अब तक करीब 50 लाख रुपये के ट्रांजक्शन सामने आये हैं। क्राइम ब्रांच ने उसका एक खाता फ्रीज कराया है। जिसमें चार लाख से अधिक नकदी मिली है। वहीं क्राइम ब्रांच गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

नवाबगंज निवासी महिला फार्मासिस्ट ने बीते छह अक्टूबर को मेट्रीमोनियल साइट के जरिए 1.25 लाख की ठगी करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसकी जांच क्राइमब्रांच कर रही थी। पीड़िता ने दर्ज कराए मुकदमे में बताया कि मेट्रीमोनियल साइट पर उनका संपर्क डा. प्रशांतमणि की आइडी से हुआ। डा. प्रशांत ने खुद को न्यूयार्क में रहने और बड़े फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन में अधिकारी के पद पर तैनात बताया था। दोनों के बीच शादी की बातचीत हुई थी। डा. प्रशांत ने भारत आने को कहा था। दूसरे दिन फोन आने पर डा. प्रशांत ने दिल्ली एयरपोर्ट पर फंसने की बात कही थी। कस्टम अधिकारी बनकर एक महिला ने पीड़िता से बात करते हुए कई बार में 1.25 लाख रुपये ठगे थे।

सोमवार को राजफाश करते हुए डीसीपी अपराध सलमान ताज पाटिल ने बताया कि छानबीन के बाद टीम ने ठिरिया मोहनपुर नकटिया, बरेली निवासी मोहम्मद साजिद को गिरफ्तार किया है। आरोपित लंबे समय से लोगों को शिकार बना रहा था। आरोपित ने साथियों की मदद से अपना आधार कार्ड में पता जयपुर राजस्थान का कराया था। गिरोह में महिला समेत पांच सदस्य हैं। सभी की अलग-अलग भूमिका तय रहती थी। उसका काम खाते में रुपये आने के बाद गिरोह के सदस्यों में उन्हें बांटने का था।

गिरोह में नाइजीरियन भी हैं शामिल

डीसीपी अपराध ने बताया कि गिरोह में शामिल महिला कस्टम अधिकारी बनकर लोगों से बात करती थी। वहीं गिरोह के पास जो नंबर मिले हैं। उनका कई नाइजीरियन भी पहले इस्तेमाल कर रहे थे। जिससे साफ है कि गिरोह के संपर्क में नाइजीरियन भी शामिल हैं। पकड़े गए आरोपित के पास से 36 महिलाओं का डाटा मिलने से सामने आया है कि आरोपित 36 महिलाओं संग ठगी कर चुका है। इसमें यूपी के साथ कर्नाटक, महाराष्ट्र की भी महिलाएं शामिल हैं। 

वीपीएन ट्रेस करके पकड़ा आरोपित

डीसीपी अपराध ने बताया कि आरोपित महिलाओं और युवतियों को फंसाने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल करके काल करते थे। जिसके चलते देश में होने के बाद भी विदेशी नंबर दिखता था। आरोपितों के वीपीएन का इस्तेमाल करने की जानकारी होने पर उसे ट्रेस करना शुरू किया गया। जिससे आरोपित साजिद हत्थे चढ़े। 

ऐसे बनाते थे शिकार

पकड़े गए साजिद ने बताया कि उसने कई मेट्रीमोनियल साइट पर अलग-अलग नाम से पेड आइडी बना रखी थी। पेड आइडी बनाने में सुविधाएं ज्यादा मिलती है। आकर्षक फोटो के साथ बड़ी कंपनियों के सीईओ समेत बड़ी प्रोफाइल बनाते थे। जिसे देखने के बाद युवतियां झांसे में आती थीं। बाद में वीजा कन्फर्म न होने, टिकट के नाम पर, विदेशी करेंसी को बदलने में टैक्स के नाम पर युवितयों से रुपये लेकर शिकार बनाते थे। 

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