Income tax : आनलाइन पंजीयन और पांच साल में नवीनीकरण अनिवार्य, जानें- चैरिटेबल ट्रस्ट के नियम संशोधन

केसीएएस स्टडी सर्किल आफ सीआइआरसी आफ आइसीएआइ द्वारा सिविल लाइंस के एक होटल में धर्मार्थ न्यास (संस्थान) एवं प्रतिभूतियों के मूल्यांकन से संबंधित आवश्यक नियम एवं कानून पर सेमिनार का आयोजन किया गया। संचालन एवं आभार प्रस्ताव उप संयोजक सीए शिवांश मेहरा ने किया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 06 Jan 2022 01:49 PM (IST) Updated:Thu, 06 Jan 2022 01:49 PM (IST)
Income tax : आनलाइन पंजीयन और पांच साल में नवीनीकरण अनिवार्य, जानें- चैरिटेबल ट्रस्ट के नियम संशोधन
सेमिनार में चार्टर्ड अकाउंटेंट ने दी जरूरी जानकारियां।

कानपुर, जागरण संवाददाता। आयकर सेक्शन 12 एए में सभी धर्मार्थ संस्थाओं को अब आनलाइन पंजीयन कराना और हर पांच साल के अंतराल में नवीनीकरण कराना अनिवार्य किया है। वर्तमान में देश भर में औसतन 34 लाख छोटे, बड़े ऐसे ट्रस्ट हैं जिन्होंने पंजीयन नहीं कराया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) अमित पांडे ने वित्त अधिनियम 2021 के अनुसार चैरिटेबल ट्रस्ट पर लागू प्रमुख संशोधन के बारे में बताते हुए कहा कि कर्ज, उधार के आवेदन को आय के आवेदन के रूप में नहीं माना जाएगा। उन्होंने केसीएएस स्टडी सर्किल आफ सीआइआरसी आफ आइसीएआइ की ओर से धर्मार्थ न्यास (संस्थान) एवं प्रतिभूतियों के मूल्यांकन से संबंधित आवश्यक नियम एवं कानून पर सेमिनार में जानकारी दी।

संयोजक सीए अखिलेश तिवारी ने कहा कि दान एक स्वैच्छिक सहायता है जो या तो पैसे में या सामान के रूप में जरूरतमंदों को दी जाती है। वक्ता सीए वैभव गुप्ता ने कहा कि केवल पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता को ही कंपनी शेयर्स का मूल्यांकन करने के लिए कंपनी एक्ट के अंतर्गत एवं इन्साल्वेंसी एव बैंकरप्सी (आइबीसी) कोड के अंतर्गत अधिकृत किया गया है। इनके अलावा आयकर अधिनियम, फेमा एव सेबी, कानून के अंतर्गत भी शेयर्स का मूल्यांकन कराया जाता है।

कंपनी को शेयर का मूल्यांकन कराना अनिवार्य : सीए वैभव गुप्ता ने कहा कि 31 जनवरी 2019 के बाद से कोई भी कंपनी तब तक प्रीमियम पर शेयर जारी नहीं कर सकती है, जब तक उस शेयर की कीमत किसी पंजीकृता मूल्यांकनकर्ता की मूल्यांकन रिपोर्ट से समर्थित न हो। किसी भारतीय कंपनी के शेयर का ट्रांसफर, निवासी एवं अनिवासी शेयर धारकों के बीच में होने पर भी फेमा अधिनियम के अंतर्गत शेयर का मूल्यांकन पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता की ओर से अनिवार्य रूप से कराने का प्रावधान है, न कराने की स्थिति में पेनाल्टी की देयता लागू होती है। इस मौके पर सत्र सभापति सीए शैलेश शाह ने अध्यक्षता की। संचालन एवं आभार प्रस्ताव उप संयोजक सीए शिवांश मेहरा ने किया।

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