साइबर सिक्योरिटी का बड़ा शोध केंद्र बनकर हैकिंग रोकेगा आइआइटी Kanpur News
साइबर इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित होने के बाद युवाओं को मिलेगा स्टार्टअप का मौका।
कानपुर, जेएनएन। आइआइटी कानपुर 2020 तक साइबर सिक्योरिटी का बड़ा शोध केंद्र बन जाएगा। विदेशी विश्वविद्यालयों से करार के बाद यहां बांबे स्टॉक एक्सचेंज व यूपी 100 के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने पर पहले ही काम शुरू हो गया है। इसके अलावा बैंकिंग व अन्य फाइनेंस सेक्टर कंपनियों को साइबर हैकिंग से बचाने के लिए भी अनुसंधान चल रहा है।
आइआइटी को साइबर उद्यमिता केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। यहां साइबर इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसमें कंप्यूटर साइंस व इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के छात्र साइबर सिक्योरिटी की नई तकनीक ईजाद कर सकेंगे। आइआइटी प्रोफेसर उनके मेंटर होंगे। ये पहला मौका होगा जब युवा टेक्नोक्रेट साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में अपने स्टार्टअप भी शुरू कर सकेंगे।
साइबर अटैक से बचाने के लिए आइआइटी तैयार
इंडस्ट्री को साइबर अटैक से बचाने के लिए आइआइटी तैयार है। यहां 'साइबर सिक्योरिटी ऑफ इंडस्ट्रियल कंट्रोल सिस्टमÓ में कई नए सॉफ्टवेयर विकसित किए गए हैं। इससे सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को साइबर अटैक से बचाया जा सकता है। खास बात ये है कि देश भर की विभिन्न इंडस्ट्री ने अपनी तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए संपर्क करना भी शुरू कर दिया है। इनमें से कुछ कंपनियों के साथ मिलकर आइआइटी साइबर सिक्योरिटी पर कार्य करेगा। इसके लिए नए सॉफ्टवेयर व उपकरण विकसित करने के साथ तकनीकी सलाह का करार भी शामिल है।
ई-बैंकिंग सिक्योरिटी देगा क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर सेंटर
आइआइटी में सेंटर ऑफ साइबर सिक्योरिटी ऑफ क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित हो चुका है। यह केंद्र साइबर हैकिंग व ई-बैंकिंग सिक्योरिटी के लिए बनाया गया है। यहां इजरायल की टेल अवीव यूनिवर्सिटी जल्द ही डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करेगी। आइआइटी के पास साइबर हैकिंग व अटैक से लडऩे की जो तकनीक है उसका लाभ संयुक्त शोध के दौरान भारत और इजरायल दोनों देशों को मिलेगा।
इनका ये है कहना
साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में कई अनुसंधान चल रहे हैं। इंक्यूबेशन सेंटर बनने के बाद इसे और गति मिलेगी। इसका लाभ उन छात्रों को मिलेगा जो इस क्षेत्र में उद्यमिता से जुडऩा चाहते हैं।
-प्रो. मणींद्र अग्रवाल, साइबर एक्सपर्ट व उपनिदेशक आइआइटी