आइआइटी कानपुर के खाते में एक और उपलब्धि, 5जी का टेस्टबेड लांच, डायरेक्टर ने दी शुभकामनाएं

आइआइटी कानपुर समेत आठ संस्थानों ने मिलकर उपकरण बनाया है। आइआइटी निदेशक प्रोफेसर अभय करींदकर ने सभी टीमों को शुभकामनाएं दी हैं। कानपुर में बेसबैंड यूनिट बनाई गई है पिछले दिनों इसका ट्रायल भी किया जा चुका है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 18 May 2022 08:59 AM (IST) Updated:Wed, 18 May 2022 08:59 AM (IST)
आइआइटी कानपुर के खाते में एक और उपलब्धि, 5जी का टेस्टबेड लांच, डायरेक्टर ने दी शुभकामनाएं
आइआइटी कानपुर में बेसबैंड यूनिट तैयार की गई है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। आइआइटी कानपुर समेत आठ संस्थानों के संयुक्त प्रयास से विकसित 5जी टेस्टबेड का प्रधानमंत्री ने मंगलवार को टेलीकाम रेगुलेटरी अथारिटी आफ इंडिया (ट्राइ) के रजत जयंती समारोह में उद्घाटन किया है। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने टेस्टबेड के लिए विभिन्न उपकरण बनाने वाली टीमों को शुभकामनाएं दी हैं। पिछले दिनों इसका ट्रायल भी हुआ था।

आइआइटी प्रशासन के मुताबिक टेस्टबेड, वैज्ञानिक सिद्धांतों, कंप्यूटेशनल उपकरणों व नई प्रौद्योगिकी का परीक्षण करने के लिए मंच होता है। इसे विकसित करने की जिम्मेदारी दूरसंचार विभाग ने आइआइटी कानपुर के साथ आइआइटी मद्रास, आइआइटी बांबे, आइआइटी हैदराबाद, आइआइटी दिल्ली, आइआइएससी बेंगलुरू, समीर चेन्नई और सीविट चेन्नई के विज्ञानियों को सौंपी गई थी।

प्रो. करंदीकर ने बताया कि आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर रोहित बुद्धिराजा व उनकी टीम ने 5जी के बेस स्टेशन की बेसबैंड यूनिट विकसित की, जो मोबाइल आपरेटरों को इंस्टालेशन चरण के दौरान रिमोट रेडियो यूनिट्स का परीक्षण करके मल्टीफेज सेल साइट परिनियोजन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और तेज बनाती है। इसका डिजाइन भी प्रो. बुद्धिराजा ने बनाया है। उन्होंने कहा कि 5जी टेस्टबेड दूरसंचार क्षेत्र में महत्वपूर्ण और आधुनिक तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे देश में तकनीकी प्रगति आएगी और कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे व अन्य क्षेत्रों में तेजी से विकास होगा।

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