IIT Kanpur निदेशक बने बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप के चेयरमैन, अब निखरेगा प्रशिक्षणार्थियों का कौशल

शिक्षा मंत्रालय से आठ मार्च को आइआइटी के निदेशक को जिम्मेदारी दी गई है। अब अप्रेंटिसशिप की व्यवस्था में अप्रत्याशित बदलाव आने की उम्मीद जगी है। नई कंपनियों के साथ करार होगा और मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 29 Mar 2021 12:45 PM (IST) Updated:Mon, 29 Mar 2021 05:51 PM (IST)
IIT Kanpur निदेशक बने बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप के चेयरमैन, अब निखरेगा प्रशिक्षणार्थियों का कौशल
अब उद्यमिता विकास की ओर बढ़ेंगे कदम।

कानपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान, जम्मू कश्मीर में भावी इंजीनियरों का कौशल अब और बेहतर ढंग से निखारा जाएगा। उनके हुनर को तराशने के लिए नई योजनाएं तैयार होंगी। इससे बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग नार्थ रीजन की सूरत बदलेगी। एकीकृत और हाईटेक व्यवस्था होगी, जिससे इंजीनियरिंग और डिप्लोमा पास आउट छात्रों को अधिक से अधिक लाभ मिल सकेगा।

यह प्लानिंग बोर्ड के नए चेयरमैन प्रो. अभय करंदीकर तैयार करा रहे हैं। उन्हें शिक्षा मंत्रालय की ओर से आठ मार्च को ये जिम्मेदारी मिली है। मौजूदा समय में प्रो. करंदीकर आइआइटी कानपुर के निदेशक हैं। उनके निर्देशन में संस्थान ने तकनीक के क्षेत्र में काफी तरक्की की है। कई केंद्र और विभागों का गठन हुआ है। वह मेक इन इंडिया और उद्यमिता विकास को बढ़ावा दे रहे हैं।

अब बोर्ड के चेयरमैन बनने से नई कंपनियों के साथ करार हो सकेगा। इसका फायदा भावी इंजीनियरों को अप्रेंटिसशिप करने में मिलेगा। प्रो. करंदीकर ने बताया कि बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग में बहुत संभावनाएं हैं। नई कंपनियों और औद्योगिक इकाइयों को जोड़ा जाएगा। जल्द ही बोर्ड की बैठक बुलाई जाएगी। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों के लिए अप्रेंटिसशिप की रूपरेखा तैयार होगी। इंजीनियरिंग के साथ ही प्रबंधन, मेडिकल और अन्य क्षेत्रों के छात्रों को पारंगत किया जाएगा।

बोर्ड पर कई कंपनियों की उधारी

बोर्ड पर कई कंपनियों की उधारी है। उसके लिए बजट भी जारी हुआ था, जिससे हिसाब-किताब बराबर किया जा रहा है। कुछ कंपनियों ने देनदारी के चक्कर में बोर्ड से करार तोड़ लिया है। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की शुरुआत में कई कंपनियों ने अप्रेंटिसशिप के लिए मना भी कर दिया था। ऐसे में डॉ. करंदीकर के लिए चुनौतियां भी काफी रहेंगी। निदेशक एसके मेहता के मुताबिक, ज्यादातर कंपनियों को उनकी अदायगी कर दी गई है। कुछ को मार्च की समाप्ति से पहले उधारी दे दी जाएगी।

कानपुर में हेड ऑफिस

कानपुर के लखनपुर स्थित बोर्ड के उत्तर क्षेत्र का हेड ऑफिस है। यहां से अन्य राज्यों के कार्यालयों की मानीटरिंग होती है। बोर्ड ऑफ अप्रेंटिसशिप के माध्यम से डिप्लोमा व इंजीनियरिंग पास आउट छात्र-छात्राओं को विभिन्न कंपनियों, औद्योगिक इकाइयों में अप्रेंटिसशिप करने का मौका दिया जाता है।

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