दवा से बीपी नियंत्रित न हो तो तुरंत कराएं किडनी की जांच, गुर्दा खराब होने के ये हैं लक्षण Kanpur News

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की क्रानिक किडनी डिजीज पर हुई वैज्ञानिक गोष्ठी में दिल्ली से आए चिकित्सकों ने दी जानकारी।

By AbhishekEdited By: Publish:Sat, 28 Sep 2019 11:31 PM (IST) Updated:Sat, 28 Sep 2019 11:31 PM (IST)
दवा से बीपी नियंत्रित न हो तो तुरंत कराएं किडनी की जांच, गुर्दा खराब होने के ये हैं लक्षण Kanpur News
दवा से बीपी नियंत्रित न हो तो तुरंत कराएं किडनी की जांच, गुर्दा खराब होने के ये हैं लक्षण Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। अगर लगातार ब्लड प्रेशर (बीपी) अनियंत्रित रहे। दवा का सेवन करने के बाद भी कंट्रोल न हो। साथ ही कमजोरी भी महसूस हो रही हो। इसे गंभीरता से लें और अपने गुर्दे (किडनी) की जांच कराएं। यह बातें शनिवार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) एवं नारायणा हेल्थ ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में आइएमए भवन परेड में क्रॉनिक किडनी डिजीज पर आयोजित वैज्ञानिक गोष्ठी नई दिल्ली के नेफरोलॉजिस्ट डॉ. तरुण कौशिक एवं हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रचित ने कहीं।

उन्होंने कहाकि गुर्दा खराब होने पर पैर के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है। जरा सा काम करने पर कमजोरी एवं सांस फूलने लगती है। किडनी में एरिथ्रोपोएटिन हार्मोन कम बनने से खून में कमी होने लगती है। शरीर में खून की कमी होने से पीला होने लगता है। पीडि़त की याददाश्त कम होने लगती है। उसे नींद भी ठीक से नहीं आती है। भोजन में अरुचि होने के साथ जी मिचलाता रहता है। इसी तरह अगर बच्चे की लंबाई न बढ़े तो उसकी किडनी की जांच जरूर कराएं। किडनी में विटामिन डी कम बनने से बच्चों की लंबाई पर असर पड़ता है। वहीं बड़े लोगों की हड्डी में दर्द रहता है। वहीं धमनियों में कोलेस्ट्राल जमने से धमनियां कड़ी हो जाती हैं। इसमें शुरूआत में लापरवाही बरतने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए शुरूआत में ध्यान देकर बीमारी से बच सकते हैं। इस दौरान डॉ. रीता मित्तल, डॉ. बृजेंद्र शुक्ला, डॉ. एसी अग्रवाल, डॉ. प्रवीन कटियार, डॉ. राजेश भदौरिया, डॉ. विकास मिश्रा, डॉ. एके निगम मौजूद रहे।  

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