उन्नाव में घायल मिला हिमालयन ग्रिफन गिद्ध, वन रेंजर कार्यालय में कराया जा रहा उपचार

उन्नाव जनपद के बिछिया ब्लाक के एक गांव में एक हिमालयन ग्रिफन गिद्ध घायल अवस्था में मिला। यह गिद्ध हिमालय के अलावा काबुल तिब्बत तुर्किस्तान तथा भूटान में प्रमुख रूप से पाया जाता है। वन रेंजर कार्यालय में रखकर इसका उपचार किया जा रहा है।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Thu, 18 Mar 2021 07:24 PM (IST) Updated:Thu, 18 Mar 2021 07:24 PM (IST)
उन्नाव में घायल मिला हिमालयन ग्रिफन गिद्ध, वन रेंजर कार्यालय में कराया जा रहा उपचार
उन्नाव में घायल अवस्था में मिला हिमालयन ग्रिफन गिद्ध।

कानपुर, जेएनएन। शहर से सटे बिछिया ब्लाक क्षेत्र के गांव सिंघूपुर में हिमालयन ग्रिफन गिद्ध घायल अवस्था में मिला। एसडीएम की सूचना पर पहुंचे वन कर्मी उसे रेंजर कार्यालय सिविल लाइन लाए। यहां उसका उपचार चल रहा है। गिद्ध के कार्यालय में होने से कर्मचारी परेशान हैैं।

27-28 फरवरी की शाम सिंघूपुर के ग्रामीणों ने एसडीएम सदर को काफी बड़ा पक्षी मिलने की सूचना दी। एसडीएम ने इसकी जानकारी डीएफओ ईशा तिवारी को दी। कुछ समय बाद पहुंचे वन कर्मियों ने बताया कि पक्षी हिमालयन ग्रिफन गिद्ध है और उसके पैर में चोट लगी है। वन कर्मी उसे रेंजर स्थित कार्यालय लाए और उपचार शुरू कराया। रेंजर वीरेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि इलाज के बाद गिद्ध स्वस्थ है। डीएफओ के निर्देश पर उसे छोड़ा जाएगा। डीएफओ ईशा तिवारी ने बताया कि गिद्ध अब स्वस्थ है और जल्दी ही उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराकर छोड़ दिया जाएगा। ये गिद्ध विलुप्त प्रजाति का नहीं हैं।

सेवा में लगे कर्मचारी परेशान

गिद्ध को फिलहाल रेंजर कार्यालय के एक कमरे से लगे बरामदे में रखा गया है। जिसके बाहरी भाग में लोहे का जाल लगा है। उसकी सेवा और देखभाल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के जिम्मे ही है। उन्हें ही गिद्ध के भोजन के लिए मांस आदि का प्रबंध करना होता है। उसकी रात-दिन देखरेख करना कर्मचारियों के लिए मुसीबत बना है।

ये है हिमालयन ग्रिफन गिद्ध की खासियत

जीप्स हिमालयनसीस या हिमालयन ग्रिफन एक बड़े आकार का फीके पीले रंग का गिद्ध होता है, जो हिमालय में काबुल से भूटान, तुॢकस्तान व तिब्बत तक पाए जाते हैं। यह अनूठा गंजे, पीले व सफेद सिर का गिद्ध है। इसके पंख काफी बड़े होते हैं। इसकी पूंछ छोटी होती है। इसकी गर्दन सफेद पीले रंग की होती है। उड़ते हुए इसका कुछ हिस्सा खाकी व उडऩे वाले पंखों का आखिरी छोर काले रंग का दिखता है। इसका ज्यादातर शरीर हल्के पीले-सफेद रंग का होता है। ये हिमालय में 1200 से 5000 मीटर तक ऊंचाई पर दिखते हैैं। 

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