SC व HC की रूलिंग से जुड़ी पुस्तकों के लिए सरकार ने जारी की धनराशि, कचहरी में शुरू हुई श्रेय लेने की होड़

घाटमपुर बिल्हौर का न्यायिक क्षेत्राधिकार वर्ष 2013 में माती कानपुर देहात से जोड़ा गया था। चूंकि दोनों तहसीलों का प्रशासनिक क्षेत्राधिकार कानपुर नगर में था ऐसी स्थिति में जिले में घाटमपुर बिल्हौर न्यायिक क्षेत्राधिकारी वापस लाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में अभियान शुरू किया गया था।

By ShaswatgEdited By: Publish:Thu, 17 Dec 2020 02:32 PM (IST) Updated:Thu, 17 Dec 2020 02:32 PM (IST)
SC व HC की रूलिंग से जुड़ी पुस्तकों के लिए सरकार ने जारी की धनराशि, कचहरी में शुरू हुई श्रेय लेने की होड़
इससे पहले भी घाटमपुर-बिल्हौर क्षेत्राधिकार पर हुए आदेश को लेकर यही होड़ शुरू हुई थी।

कानपुर, जेएनएन। अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति ने युवा अधिवक्ताओं को सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट की रूलिंग से जुड़ी पुस्तकें लेने के लिए पांच हजार रुपये प्रतिमाह दिलाने का बीड़ा उठाया था। सरकार ने अपने वादे अनुसार वर्ष में पांच हजार रुपये देने के आदेश कर इसके लिए धनराशि जारी कर दी है। अब कचहरी में इसका श्रेय लेने की होड़ मचना शुरू हो गई है। इससे पहले भी घाटमपुर-बिल्हौर क्षेत्राधिकार पर हुए आदेश को लेकर यही होड़ शुरू हुई थी।

अधिवक्ताओं ने किया था तत्कालीन सीएम के आवास का घेराव

घाटमपुर बिल्हौर का न्यायिक क्षेत्राधिकार वर्ष 2013 में माती कानपुर देहात से जोड़ा गया था। चूंकि दोनों तहसीलों का प्रशासनिक क्षेत्राधिकार कानपुर नगर में था ऐसी स्थिति में जिले में घाटमपुर बिल्हौर न्यायिक क्षेत्राधिकारी वापस लाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में अभियान शुरू किया गया था। धरना, प्रदर्शन, मानव श्रृंखला के बाद भी जब बात नहीं बनी तो अधिवक्ताओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आवास तक घेरा। जिसके बाद शासन ने जिलाधिकारी और कमिश्नर और हाईकोर्ट की सहमति के बाद दोनों तहसीलों का न्यायिक क्षेत्राधिकार नगर में जोडऩे का आदेश पारित कर दिया। 

श्रेय लेने को पहले भी मची थी होड़

इस आदेश के पारित होते ही बार एसोसिएशन ने इसका श्रेय लेने की पूरी कोशिश की और कानून मंत्री का कार्यक्रम आयोजित किया। हालांकि तब पूरी कचहरी ने इसका विरोध किया और श्रेय समिति को देने की बात कही। अब एक बार फिर कमोबेश यही स्थिति आ गई है। दरअसल, अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति ने युवा अधिवक्ताओं को प्रतिमाह पांच हजार रुपये पुस्तकों की खरीद के लिए दिलाने का संघर्ष किया जिस पर प्रदेश सरकार ने 1.60 करोड़ रुपये जारी कर दिए। इस बात का श्रेय भी अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति को ही जाता है लेकिन बार एसोसिएशन कार्यकारिणी में इसे लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इसके श्रेय को लेने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है।

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