लड़कियों मैं नजीर हूं, प्यार नहीं करना

जागरण संवाददाता, कानपुर : 'प्यार अंधा होता है' जैसी रूमानी गलतफहमी में फंसकर चल पड़ी एक ि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Mar 2018 01:41 PM (IST) Updated:Tue, 13 Mar 2018 01:41 PM (IST)
लड़कियों मैं नजीर हूं, प्यार नहीं करना
लड़कियों मैं नजीर हूं, प्यार नहीं करना

जागरण संवाददाता, कानपुर : 'प्यार अंधा होता है' जैसी रूमानी गलतफहमी में फंसकर चल पड़ी एक किशोरी को ऐसी ठोकर लगी है कि यह ऐसी नासमझ अन्य लड़कियों के लिए भी सबक है। बिना देखे-समझे, सिर्फ फोन पर बात कर प्रेम में पागल हुई कोलकाता की किशोरी ने घर छोड़ दिया। धोखेबाज युवक ने ऐसा गच्चा दिया कि लड़की तीन दिन भूखी-प्यासी पड़ी रही और भटकते हुए सोमवार को कानपुर पहुंची। अब रोते-रोते खुद ही कहे जा रही है कि 'लड़कियों मैं नजीर हूं, प्यार नहीं करना।'

स्टेशन पर कार्यरत स्वयंसेवी संगठन कीर्ति फाउंडेशन की सदस्या अंकिता मिश्रा को सोमवार को प्लेटफार्म नंबर 4 पर एक 17 वर्षीय किशोरी दिखाई दी। अकेली लड़की, वह भी बदहवास। यह देखकर अंकिता ने उससे पूछताछ शुरू की और उसे सहायता केंद्र ले आई। पूछताछ में उस लड़की ने जो किस्सा सुनाया, वह वाकई में उन लड़कियों के लिए सबक है, जो प्रेमजाल में फंसकर घर-परिवार छोड़ देती हैं। कोलकाता की रहने वाली इस किशोरी ने बताया कि एक मिस्ड कॉल से उसका प्रेम सफर शुरू हुआ। दोनों केवल फोन पर ही बात करते थे। एक-दूसरे को कभी नही देखा। प्रेमी ने उसे केवल यह बताया था कि वह दिल्ली मार्बल मार्केट में काम करता है। पिछले दिनों किशोरी को शादी के लिए देखने के लिए लड़का देखने आया तो उसने प्रेमी को इसकी जानकारी दी। इस पर उसने उसे दिल्ली आने को कहा। बिना सोच विचार घर व परिवार को ठोकर मारकर वह उस प्रेमी के लिए निकल पड़ी, जिसे कभी देखा तक नहीं था। दिल्ली पहुंचकर किशोरी ने प्रेमी को फोन मिलाया। फोन उठा और कुछ देर में दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आने का वादा करके प्रेमी ने उसके नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। करीब ढाई दिन उसने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रेमी के इंतजार में गुजारे। जब हार गई तो एक ट्रेन में चढ़ गई। उस गाड़ी से ही वह सुबह कानपुर पहुंची। स्वयंसेवी संगठन लड़की के परिजन से संपर्क करने की कोशिश कर रही है।

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