कानपुर को देश के पहले आइआइएस का तोहफा

कानपुर में खुलने वाले इस सेंटर में कौशल विकास मिशन में देश के 50 लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर कुशल बनाया जाएगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 19 Dec 2016 11:24 AM (IST) Updated:Mon, 19 Dec 2016 12:05 PM (IST)
कानपुर को देश के पहले आइआइएस का तोहफा

कानपुर (जेएनएन)। पूरब के मैनचेस्टर के रूप में मशहूर कानपुर शहर को उसका पुराना स्वरूप दिलाने को केंद्र सरकार इंडियन इंस्टीट्यूट आफ स्किल (आइआइएस) अहम भूमिका अदा कर सकता है। कानपुर में खुलने वाले इस सेंटर में कौशल विकास मिशन में देश के 50 लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर कुशल बनाया जाएगा।

इसके साथ ही केंद्र सरकार इस वर्ष यूपी के एक लाख युवाओं को देश के विभिन्न राज्यों की कंपनियों में रोजगार दिलाया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में यूपी के बड़े हिस्से को शामिल किया गया है। वहीं कानपुर से दी जा रही सौगातों में इसको भी शामिल किया गया है।

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कानपुर में देश का पहला इंडियन इंस्टीट्यूट आफ स्किल (आइआइएस) खोला जा रहा है तो इंटरनेशनल चालक प्रशिक्षण केंद्र भी। योजनाओं पर एक रिपोर्ट। 12019 तक बन जाएगा आइआइएस 1 सीटीआइ चौराहा स्थित एटीआइ परिसर में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ स्किल का शिलान्यास होगा। सिंगापुर के सेंटर फॉर एक्सीलेंस की तर्ज पर विकसित होने वाला यह देश का पहला इंस्टीट्यूट होगा। यह इंस्टीट्यूट आफ टेक्निकल एजुकेशन, सिंगापुर की पार्टनरशिप में तैयार किया जा रहा है। देश में पांच इंडियन इंस्टीट्यूट आफ स्किल खुलने हैं। इसमें प्लास्टिक, लेदर, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंजीनियरिंग, आटोमोटिव जैसे विभिन्न ट्रेडों में छात्रों की कुशलता बढ़ाई जाएगी। इसकी लागत करीब सौ करोड़ रुपए की है। यह इंस्टीट्यूट वर्ष 2019 तक बनकर तैयार हो जाएगा।

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उबर-ओला से रोजगार का एमओयू

प्रधानमंत्री आज टैक्सी सेवा कंपनी उबर और ओला के साथ रोजगार और प्रशिक्षण के लिए एमओयू साइन करेंगे। दोनों कंपनियों से एक-एक लाख चालकों के प्रशिक्षण, लाइसेंस, टैक्सी खड़े करने के स्थान, रोजगार सहित विभिन्न बिंदु पर समझौते होंगे। इसका सबसे बड़ा हब कानपुर और वाराणसी बनेगा।

100 केंद्र तैयार करेंगे इंटरनेशनल ड्राइवर

वाहन दुर्घटनाओं में कमी हो, कुशल चालकों के हाथ में वाहन की स्टेयरिंग हो और प्रशिक्षित चालक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काम कर सकें, इसके लिए भारत में 100 अंतरराष्ट्रीय चालक प्रशिक्षण केंद्रों का ऑनलाइन उद्घाटन किया जाएगा। यह केंद्र टैक्सी, भारी वाहन, कंबाइन, रोड रोलर, जेसीबी सहित अन्य हैवी वाहनों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार चलाने का प्रशिक्षण देंगे।

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10 हजार करोड़ से अप्रेंटिस

आइटीआइ करने के बाद छात्रों को बड़ी कंपनियां अप्रेंटिस का मौका देकर कुशल बनाएं, इसके लिए सरकार 10 हजार करोड़ खर्च करेगी। इससे पांच लाख से अधिक छात्रों को एक साल की अप्रेंटिस का मौका मिलेगा। यह राशि कंपनियों को अप्रेंटिस प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाएगी। सोमवार को प्रधानमंत्री हंिदूुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड को 82 लाख, भारत हैवी इलेक्टिकल लिमिटेड को 1.07 करोड़, गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम को 1.25 करोड़, आंध्र राज्य सड़क परिवहन निगम को 51 लाख और टाटा मोटर्स को 1.25 करोड़ रुपये का चेक सौंपेंगे।

सीखेंगे तो विदेश में नहीं ठगे जाएंगे

कौशल विकास के तहत देश भर में 50 प्रवासी कौशल केंद्र खोले जाएंगे। इन कौशल केंद्रों में नौकरी के लिए विदेश जाने वाले लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा कि वह कैसे जाएं, क्या करें। जिस काम के लिए जा रहे है, उसके बारे में जानकारी और विदेश में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे नौकरी के लिए विदेश भेजने के नाम पर होने वाली ठगी में कमी आएगी।

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हर संसदीय क्षेत्र में पीकेके

क्षेत्र विशेष की विशेषताओं को समाहित करते हुए युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण के लिए उन्हीं के जिले में प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (पीकेके) खोले जाएंगे। हर संसदीय क्षेत्र में खुलने वाले इस केंद्र के लिए 432 संसदीय क्षेत्रों में 58 कंपनियों से सहमति बन गई है। इसमें से देश भर के 31 जिलों में पीकेके का ऑनलाइन उद्घाटन होगा। इनमें आठ जिले यूपी के हैं। इसका संबंधित जिलों में ऑनलाइन प्रसारण भी होगा।

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