कानपुर में घने इलाकों में भी भवन के नक्शे पर बनाए जा रहे फ्लैट

फ्लैट बनाने वालों से मिलीभगत के चलते केडीए के अभियंता अपने अधिकारियों की भी नहीं सुनते हैैं। शहर में जगह जगह भवन निर्माण के नक्शे की आड़ में फ्लैट बनाए जा रहे हैैं हालांकि केडीए वीसी इसपर सख्ती करने की बात कह चुके हैैं।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 02:12 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 02:12 PM (IST)
कानपुर में घने इलाकों में भी भवन के नक्शे पर बनाए जा रहे फ्लैट
केडीए में अपने अधिकारियों की भी नहीं सुनते अभियंता।

कानपुर, जेएनएन। वाह-रे कानपुर विकास प्राधिकरण। यहां के अभियंता केडीए उपाध्यक्ष से बड़े है। आदेश सुनते तक नहीं है पालन करना दूर की बात है। लगातार आदेश के बाद भी धड़ल्ले से प्रवर्तन दस्ते के अभियंता और सुपरवाइजर सौ से दो सौ वर्ग गंज के भूखंड में सारे मानकों को दरकिनार करके भवन के नक्शे पर फ्लैट बना रहे है। दो सौ वर्ग गज की भूखंड में पांच से छह मंजिल तक की इमारतें खड़ी हो रही है। गलियों तक को नहीं बख्शा जा रहा है। गली तक पर निर्माण करा दिया है।

अगर केडीए अभियंताओं का खेल देखना है तो एक बार परेड, चमनगंज, इफ्तिखाराबाद, बेकनगंज, पीरोड, प्रेमनगर, गांधीगर, जवाहर नगर जैसे घने इलाके हों अथवा स्वरूप नगर, नवाबगंज, विष्णुपुरी, किदवईनगर, गोविंद नगर, जाजमऊ, पनकी, श्यामनगर जैसे खुले क्षेत्र। इन क्षेत्रों मे बन रहे निर्माणों को एक बार देखो लोग तो पता चल जाएगा कि कितने नियमों का पालन हो रहा है। वर्तमान समय में एक हजार से ज्यादा अवैध निर्माण शहर में चल रहे है। इनको केडीए शमन करना शुरू कर दे तो अरबों रुपये का लाभ होगा, लेकिन अभियंता और सुपरवाइजर अपनी सुविधा शुल्क निकाले में लगे है। खतरनाक बेसमेंट बन रहे है इसके चलते आसपास के मकानों की नींव को खतरा है।

नगर निगम भी आंख बंद किए

सड़क, फुटपाथ और गलियों तक में बिल्डर निर्माण कर रहे है। कई जगह फुटपाथ और सड़क पर पार्किंग बना दी है। नालियों पर रैंप बना दिया है इसके चलते लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। बीच गली में मकान बन गया है लेकिन नगर निगम को भी नहीं दिख रहा है। 

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