Kanpur Bank Locker News : पहली पीड़ित महिला को मुआवजा नहीं, सेंट्रल बैंक के 11 लाकरों से गायब हुए करोड़ों के जेवर

कानपुर के कराचीखाना स्थित सेंट्रल बैंक के 11 लाकरों से जेवर चोरी होने की मामले में पहली पीड़ित महिला को मुआवजा नहीं मिलेगा अब उसे कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। वहीं डीसीपी ने मामले में सात दिनों में चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 05:41 PM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 05:41 PM (IST)
Kanpur Bank Locker News : पहली पीड़ित महिला को मुआवजा नहीं, सेंट्रल बैंक के 11 लाकरों से गायब हुए करोड़ों के जेवर
कानपुर में सेंट्रल बैंक के लाकरों से जेवर चोरी का मामला।

कानपुर, जागरण संवाददाता। सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के लाकर से जेवर चोरी में पहली पीड़ित महिला जिसकी वजह से इतना बड़ा मामला बाहर आया उसे ही मुआवजा नहीं मिलेगा। अब उसे कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। वहीं मामले में डीसीपी पूर्वी ने विवेचक को सात दिन के भीतर अदालत में चार्जशीट दाखिल करके आरोपितों पर गैंगस्टर लगाने का भी निर्देश दिया है।

सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की कराचीखाना शाखा के लाकर से जेवर चोरी होने का मामला पिछले माह प्रकाश में आए था। धीरे-धीरे करके 11 लाकर से चार करोड़ रुपये से अधिक के जेवर चोरी होना सामने आया था। पुलिस की जांच में बैंक मैनेजर रामप्रसाद, लाकर इंचार्ज शुभम मालवीय, लाकर मैकेनिक चंद्रप्रकाश और चंद्रप्रकाश के तीन साथी करन, सुरेश और राजेश को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। चूंकि लाकर चोरी में बैंक कर्मचारी ही शामिल हैं, इसलिए सेंट्रल बैंक प्रबंधन ने सभी पीडि़तों को करीब 2.65 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है।

डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि सोमवार को उन्होंने केस की समीक्षा की। सारे तथ्य व सबूत पुलिस को मिल चुके हैं। उन्होंने विवेचक को निर्देश दिए हैं कि वह सात दिन के भीतर इस केस में चार्जशीट दाखिल करें। इसके बाद सभी छह आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर तामील करके उनके द्वारा अवैध तरीके से कमाई गई संपत्ति को जब्त कर लें। इस पूरी कार्रवाई में 15 से 20 दिन लग सकते हैं।

आरती को नहीं मिलेगी मुआवजे की रकम : सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के लाकर से जेवरात निकालने के मामले में पिछले दिनों एक नया मामला सामने आया था। आरती तिवारी नाम की एक महिला के लाकर से भी जेवर चोरी हुए थे। आरती वह पहली महिला थी, जिसे लाकर से जेवर चोरी होने की जानकारी मिली थी, लेकिन उसने आवाज उठाने के स्थान पर बैंक अधिकारियों से समझौता कर साढ़े तीन लाख रुपये ले लिए थे। जबकि दावा है कि उसके बीस लाख रुपये के जेवर चोरी हुए थे। पुलिस ने इस मामले में जांच से ही इंकार कर दिया है। डीसीपी के मुताबिक समझौता हो चुका है। पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने जा रही है। विधि विशेषज्ञों के मुताबिक अब इस मामले में आरती तिवारी को अदालत से ही राहत मिल सकती है।

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