Fake call center case : विदेश से रकम लाने के लिए कागजों पर खोलीं तीन कंपनियां

14 जुलाई को क्राइम ब्रांच और काकादेव पुलिस ने काकादेव के ओम चौराहे के पास स्थित हास्टल में छापा मारकर फर्जी अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर का पर्दाफाश किया था। कॉल सेंटर संचालक नोएडा सेक्टर 25 निवासी मोहिंद्र शर्मा समेत चार आरोपितों को जेल भेजा गया था।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 09:18 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 09:18 AM (IST)
Fake call center case  : विदेश से रकम लाने के लिए कागजों पर खोलीं तीन कंपनियां
आरोपितों ने पीडि़तों से रकम वहां के खातों में मंगवाई थी

कानपुर, जेएनएन। अमेरिकी लोगों के कंप्यूटर हैक कर टेक्निकल सपोर्ट देने के नाम पर खातों में रकम जमा कराने वाले काल सेंटर संचालक मोहिंद्र शर्मा का मुख्य साथी मास्टरमाइंड जसराज सिंह तीन फर्जी कंपनियां चला रहा था। इन कंपनियों के नाम से फर्जी इनवायस काटकर अमेरिकी खातों से पैसा भारत में मंगवाया जाता था। इसके बाद उस पैसे का बंदरबांट होता था।

14 जुलाई को क्राइम ब्रांच और काकादेव पुलिस ने काकादेव के ओम चौराहे के पास स्थित हास्टल में छापा मारकर फर्जी अंतरराष्ट्रीय काल सेंटर का पर्दाफाश किया था। कॉल सेंटर संचालक नोएडा सेक्टर 25 निवासी मोहिंद्र शर्मा समेत चार आरोपितों को जेल भेजा गया था। चारों व्यक्ति अमेरिकन कंपनियों व वहां के लोगों के कंप्यूटर पर विज्ञापन के जरिए मालवेयर वायरस भेजकर हैक करते थे और तकनीकी सपोर्ट देने का झांसा देकर अपने खातों में रकम जमा कराते थे। पिछले एक वर्ष में आरोपितों ने करीब 12 हजार लोगों से धोखाधड़ी कर आठ करोड़ रुपये से ज्यादा रकम हड़पी थी। जांच में मोहिंद्र के दोस्त नई दिल्ली जनकपुरी निवासी जसराज सिंह का नाम सामने आया तो पुलिस ने मंगलवार को जसराज को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तब जसराज के अमेरिका निवासी दोस्त टाड एल थामस के बारे में जानकारी मिली थी। थामस अपनी एमआइपीएल डिजिटल आनलाइन डाट काम नाम से पेमेंट गेट-वे कंपनी चलाता है और उसी के गेट वे का इस्तेमाल कर आरोपितों ने पीडि़तों से रकम वहां के खातों में मंगवाई थी।

विवेचक इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार पांडेय ने बताया कि जांच में सामने आया है कि जसराज दिल्ली में जेआरएस हाट कोचर नामक डिजाइनर कपड़ों की फर्म के साथ ही तीन अन्य फर्म का भी मालिक है। ये कंपनियां माइको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गोल्डबर्ग ट्रेडर्स व इंडिस्पांसिबल कंपनी नाम से हैं। पीडि़त जो पैसा अमेरिका में टाड एल थामस के खातों में जमा करते थे, उस पैसे को आरोपित इन्हीं कंपनियों के खातों में मंगवाते थे। थामस 30 फीसद कमीशन काटकर 70 फीसद रकम जसराज के भारतीय खातों में जमा करता था।

अमेरिका के दो, भारत के छह बैंकों में खुलवाए खाते : जसराज ने अमेरिका के दो और भारत के छह बैंकों में खाते खुलवाए थे। अमेरिका के बैंक ऑफ अमेरिका व यूएस बैंक में पेमेंट गेटवे कंपनी के संचालक टाड एल थामस के नाम से तीन खाते खुलवाए गए थे। साथ ही भारत में जसराज ने इंडसइंड बैंक, आइडीएफसी फस्र्ट, एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ बैंक, एसबीआइ, बैंक आफ कर्नाटका में खाते खुलवाए थे। पुलिस के मुताबिक भारतीय बैंकों में आरोपित ने जसराज सिंह, मुकेश व राज सिंहानिया नाम की फर्जी आइडी से तीन खाते और अपनी माइको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से चार खाते, गोल्डबर्ग ट्रेडर्स व इंडिस्पांसिलबल कंपनी के नाम से चार खाते खुलवाए थे। इन सभी खातों को फ्रीज कराकर उनका ब्योरा जुटाया जा रहा है। 

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