Mahoba Kabrai Kand की तह तक जाना चाहती ईडी, भगोड़े आइपीएस पाटीदार के सलाहकारों पर भी नजर
कबरई प्रकरण में दिवंगत क्रशर कारोबारी इंद्रकांत ने सात सितंबर को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार और कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला पर वसूली का आरोप था। उक्त लोगों से अपनी जान को खतरा बताते हुए आडियो वीडियो वायरल किया था।
महोबा, जेएनएन। क्रशर कारोबारी इंद्रकांत मौत प्रकरण में अब जांच की कार्रवाई ईडी संभाले हुए है। आरोपित आइपीएस की ओर से किस तरह और किनके माध्यम से वसूली का जाल फैलाया गया था इस विषय में ईडी तह तक जाना चाहती है। बयान देकर वापस लौटे लोगों के अनुसार अधिकारियों ने उस समय जिले में तैनात रहे पुलिस अधिकारियों के विषय में जानकारी की है। किस तरह उद्यमियों को घेर कर उनसे वसूली हो रही थी, कौन करवाता था, कैसे बुलाया जाता था आदि के विषय में दो-दो तीन-तीन बार पूछा गया।
क्रशर कारोबारी मौत प्रकरण में आरोपित आइपीएस मणिलाल पाटीदार पर अवैध वसूली और पैसा न मिलने पर उत्पीडऩ के आरोप लगाए गए थे। इस तरह के मामलों की ईडी जांच कर रही है। मामले में मुख्य गवाह व जुड़े करीबियों से लंबी पूछताछ हो रही है। प्रयागराज में ईडी के अस्थाई खुले कार्यालय में बयान देकर लौटे लोगों ने जानकारी दी कि अधिकारी आरोपित आइपीएस के समय जिले में तैनात रहे पुलिस अधिकारियों की विषय में गहराई से छानबीन कर रही है। उस समय उद्यमियों पर कौन-कौन पुलिस अधिकारी दबाव बनाकर वसूली में जुटे थे इसकी भी सूची तैयार हो रही है। हो सकता है आगे इसमें कुछ नए अधिकारी भी घेरे में आ जाएं।
बयान दर्ज कराकर लौटे दिवंगत इंद्रकांत के भाई रवि त्रिपाठी व दिवंगत के कारोबारी पार्टनर रहे बालकिशोर द्विवेदी के अनुसार ईडी के अधिकारी मुख्य आरोपित आइपीएस के महोबा में तैनाती के दौरान अवैध तरीके से उगाही किस तरह हो रही थी, इसकी तह तक जाना है।
मामले में हो चुकी कार्रवाई: प्रकरण के फरार आइपीएस को भगोड़ा घोषित करने के साथ उस पर एक लाख का इनाम घोषित है। 83 (कुर्की) की कार्रवाई हो चुकी है। आरोपित मुख्य रूप से राजस्थान के जिला डूंगरपुर थाना सरौंदा गांव संगवारा का निवासी है। मामले में पांच आरोपितों में चार पकड़े जा आ चुके हैं। इसमें बर्खास्त एसओ देवेंद्र शुक्ला, बर्खास्त सिपाही अरुण यादव, आरोपित कारोबारी सुरेश सोनी व ब्रह्मदत्त जेल में हैं। आरोपितों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल हो चुकी है।
यह था मामला: कबरई प्रकरण में दिवंगत क्रशर कारोबारी इंद्रकांत ने सात सितंबर को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार और कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला पर वसूली का आरोप था। उक्त लोगों से अपनी जान को खतरा बताते हुए आडियो, वीडियो वायरल किया था। मुख्यमंत्री को भी प्रार्थना पत्र भेजे थे। दूसरे दिन आठ सितंबर इंद्रकांत गोली लगने से अपनी गाड़ी में घायल मिले थे। 13 सितंबर को कानपुर रीजेंसी में उनकी मौत हो गई थी। दिवंगत के भाई रविकांत त्रिपाठी ने पूर्व एसपी व एसओ सहित चार लोगों के खिलाफ कबरई थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया था। बाद में एसआइटी जांच में सिपाही अरुण यादव का नाम भी जोड़ा गया था।