शराब के ठेके खुलते ही फिर बढ़ा अपराध, हत्या और आत्महत्या के साथ होने लगी घरेलू हिंसा

शराब की दुकानें खुलने के बाद नशेबाज करने लगे मारपीट आत्महत्या और हत्या सड़क हादसे भी बढ़े।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Fri, 08 May 2020 01:40 PM (IST) Updated:Fri, 08 May 2020 04:28 PM (IST)
शराब के ठेके खुलते ही फिर बढ़ा अपराध, हत्या और आत्महत्या के साथ होने लगी घरेलू हिंसा
शराब के ठेके खुलते ही फिर बढ़ा अपराध, हत्या और आत्महत्या के साथ होने लगी घरेलू हिंसा

कानपुर, जेएनएन। तीन मई की देर रात एक आदेश आया कि शराब की दुकानें खोल दी जाएंगी। सरकार की इस मंशा के पीछे खाली हो रहे सरकारी खजाने को भरना था, ताकि कोरोना के साथ लड़ाई में आॢथक मोर्चे पर मजबूती बनी रहे। अब शराब की दुकानें खोलने के सरकार के फैसले का तीव्र विरोध हो रहा है। विरोध करने वालों के अपने तर्क हैं। उनके हिसाब से ऐसे माहौल में शराब बंदी हटाने से समाज में हलचल पैदा होगी और कमोबेश शराब के साइड इफेक्ट दिखने भी लगे हैं। शराब के नशे में हत्या, आत्महत्या के साथ ही सड़क हादसों में खून बह रहा है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के दो अलग-अलग आंकड़ों ने शराब के साइड इफेक्ट की एक और तस्वीर पेश की है, जिससे साबित हो रहा है कि शराब का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है।

अचानक बढ़े घरेलू ङ्क्षहसा के मामले

लॉकडाउन शुरू होने के बाद सोशल मीडिया में एक पोस्ट तेजी के वायरल हुई कि अब घरों में पति-पत्नी के झगड़े तेजी से बढ़ेंगे। मामला हंसी मजाक का था और ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, बल्कि पुलिस तक आने वाले घरेलू ङ्क्षहसा के मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गई। आम दिनों में जहां रोजाना 60 से 70 घरेलू ङ्क्षहसा के मामले पुलिस तक पहुंच रहे थे, उसकी संख्या लॉकडाउन में घटकर 25 से 30 तक रह गई। कई दिन तो ऐसे भी गुजरे जब पुलिस के पास घरेलू ङ्क्षहसा का एक भी मामला नहीं पहुंचा। चार मई से शराब बिक्री से पाबंदी हटते ही इन घटनाओं में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक एक मई को 26, दो व तीन मई को 34-34 मामले सामने आए, जबकि चार मई को इनमें अचानक वृद्धि दर्ज की गई और घरेलू ङ्क्षहसा के मामले बढ़कर 92 पहुंच गए। पांच मई को यह आंकड़ा 123 और छह मई को 143 तक जा पहुंचा।

45 दिन में कोरोना से छह मरे, चार दिन में शराब से सात मौतें

डेढ़ महीने के लॉकडाउन में अब तक कोरोना महामारी से शहर में छह लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर चार मई से शराब से पाबंदी हटने के बाद से जिले में दो हत्या की वारदातें हो चुकी हैं। दोनों ही वारदातों में शराब का नशा कारण बना। पनकी रतनपुर में शराब को लेकर पत्नी से झगड़े के बाद सफाईकर्मी ने आत्महत्या कर ली। रावतपुर के जयप्रकाश नगर में भी इसी तरह के विवाद के बाद युवक ने फांसी लगा ली। तीन अन्य ने भी अपनी जान दे दी। इसके अलावा शराब के नशे में झगड़े भी बढ़े हैं। गोङ्क्षवद नगर में नशेबाजी का विरोध करने पर युवती पर गर्म तेल उड़ेल दिया, जबकि कल्याणपुर में गोलीबारी हुई। गुरुवार को घाटमपुर में नशेडिय़ों ने पुलिस को भी नहीं बख्शा। वहीं बिधनू, घाटमपुर, सहित शहर के तमाम हिस्सों में एक दर्जन से अधिक मार्ग दुर्घटनाएं सामने आई हैं, जो कि शराब के नशे की वजह से हुईं।

पिछले चार दिनों में हुईं घटनाएं

घरेलू ङ्क्षहसा के मामले 58

हत्या 02

आत्महत्या 05

मार्ग दुर्घटनाएं 12

मारपीट व गोलीबारी 07  

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