दिल के मर्ज में समय से इलाज न मिलने से होती हैं मौतें, नजरअंदाज न करें सीने का दर्द
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की आइएमए भवन परेड में हृदय रोग में आपात स्थिति पर वैज्ञानिक गोष्ठी आयोजित की गई। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हृदय रोग से संबंधित जरूरी जानकारियां दीं और समय से इलाज न होने को मौत की वजह बताया।
कानपुर, जागरण संवाददाता। हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड बढऩे के साथ ही हार्ट से जुड़ी समस्याएं भी बढऩे लगी हैं। इसमें हार्ट अटैक, हार्ट में ब्लाकेज, हार्ट फेल और हार्ट की धमनियों में खून का थक्का जमने से जुड़ी जटिलताएं हैं, इन्हें हृदय रोग की आपात स्थिति (कार्डियक इमरजेंसी) कहते हैं। इसमें समय से इलाज नहीं मिलने पर मृत्य तय है। अगर मरीजों को समय से सुविधायुक्त कार्डियक सेंटर पर पहुंचा कर इलाज मुहैया कराकर मौतों का रोका जा सकता है।
हृदय रोग में आपात स्थिति पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की आइएमए भवन परेड में आयोजित वैज्ञानिक गोष्ठी में रीजेंसी हास्पिटल के कार्डियोंलाजिस्ट डा. अभिनीत गुप्ता ने कहा कि हृदय रोग भी आम बीमारियों की तरह ही है, जो बच्चो, वयस्कों एवं वृद्धों में पाया जा रहा है। दिल के मरीजों में आपात स्थिति सामान्य तौर पर देर रात या सुबह जल्द देखी जाती है। ऐसे में मरीज को समय से अस्पताल पहुंचाने में विलंब हो जाता है। इसकी दूसरी वजह जागरूकता का अभाव और सीने में दर्द को गैस का दर्द समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक को रोका नहीं जा सकता, लेकिन जीवन शैली एवं खानपान में सुधार कर उसके खतरों को कम किया जा सकता है। चेयर पर्सन वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. आरपी एस भारद्वाज व डा. मोहम्मद अहमद रहे। पैनलिस्ट वरिष्ठ फिजीशियन डा. एसी अग्रवाल व वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एके त्रिवेदी रहे। आइएमए अध्यक्ष डा. बृजेंद्र शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान डा. अर्चना भदौरिया, डा. अशोक वर्मा, डा. पल्लवी चौरसिया व सचिच डा. देवज्योति देवराय मौजूद रहे।