Lockdown के बीच स्कूल फीस को लेकर परेशान अभिभावकों को राहत, श्रमिकों को सात अप्रैल तक वेतन

जिलाधिकारी ने स्कूल प्रबंधकों से लॉकडाउन का हवाला देते हुए पहली तिमाही की फीस की अवधि आगे बढ़ाने की अपील की है।

By AbhishekEdited By: Publish:Mon, 06 Apr 2020 05:42 PM (IST) Updated:Mon, 06 Apr 2020 05:42 PM (IST)
Lockdown के बीच स्कूल फीस को लेकर परेशान अभिभावकों को राहत, श्रमिकों को सात अप्रैल तक वेतन
Lockdown के बीच स्कूल फीस को लेकर परेशान अभिभावकों को राहत, श्रमिकों को सात अप्रैल तक वेतन

कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के चलते बच्चों की फीस जमा न कर पा रहे अभिभावकों को जिलाधिकारी ने राहत दे दी है। जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि अप्रैल, मई व जून की फीस जमा न होने पर छात्रों का नाम न काटा जाए। वहीं श्रम विभाग ने श्रमिकों को सात अप्रैल तक हर हाल में वेतन निर्गत करने के लिए उद्यमियों और कारोबारियों को आदेशित किया है।

निजी स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश में जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉक डाउन है। जिसके चलते अभिभावकों द्वारा किए जा रहे रोजगार पर भी असर पड़ा है। चूंकि अप्रैल-जून तिमाही की फीस अप्रैल माह में ही जमा करायी जाती है ऐसे में अभिभावकों द्वारा इस अवधि को बढ़ाने की मांग की गई। ऐसे में उपरोक्त तिमाही की फीस अप्रैल व मई में जमा न करायी जाए। इसके लिए स्कूल प्रबंधन आगामी माह में फीस जमा कराने का चार्ट तैयार कर स्वयं अभिभावकों को इसकी सूचना दें।

दूसरी ओर, श्रम विभाग ने आदेश जारी करके उद्यमियों और कारोबारियों से कहा है कि वे हर हाल में सात अप्रैल तक श्रमिकों को मजदूरी व कर्मचारियांे को वेतन दे दें। लॉकडाउन की अवधि के दौरान का अवकाश स्वीकृत करंे पर मजदूरी न काटें। अपर आयुक्त एसपी शुक्ला ने आदेश दिया कि प्राइवेट सेक्टर की पंजीकृत कंपनियां पालन करंे। अपर श्रमायुक्त ने बताया कि आदेश न मानने पर मुकदमा दर्ज होगा।

chat bot
आपका साथी