शहर की मिट्टी बार-बार बदलवा रही मेट्रो पाइल का डिजाइन, इंजीनियरों के छूट रहे पसीने Kanpur News

लखनऊ के मुकाबले कानपुर में पिलर के लिए चल रही पाइलिंग के काम में इंजीनियरों के पसीने छूट रहे हैं।

By Edited By: Publish:Tue, 17 Dec 2019 01:41 AM (IST) Updated:Tue, 17 Dec 2019 09:51 AM (IST)
शहर की मिट्टी बार-बार बदलवा रही मेट्रो पाइल का डिजाइन, इंजीनियरों के छूट रहे पसीने Kanpur News
शहर की मिट्टी बार-बार बदलवा रही मेट्रो पाइल का डिजाइन, इंजीनियरों के छूट रहे पसीने Kanpur News

कानपुर, [श्रीनारायण मिश्र]।  लखनऊ के मुकाबले कानपुर में पिलर के लिए चल रही पाइलिंग के काम में इंजीनियरों के पसीने छूट रहे हैं। लखनऊ में जहां अधिकतर कमजोर मिट्टी मिलने से पाइल का डिजाइन एक समान बना था, वहीं कानपुर में थोड़ी-थोड़ी दूर पर मिट्टी की गुणवत्ता में बदलाव आ रहा है। इस वजह से बार-बार पाइल के डिजाइन में भी बदलाव करना पड़ रहा है।

कानपुर मेट्रो के लिए प्रारंभिक चरण में इन दिनों आइआइटी से मोतीझील तक पाइलिंग व पिलर निर्माण का काम चल रहा है। दो स्थानों पर पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है और पाइल कैप भी बनाई जा चुकी है। यहां पर कहीं अचानक कमजोर मिट्टी मिलती है तो कहीं मजबूत। कई जगह मिश्रित मिट्टी मिल रही है। पिलर की मजबूती के लिए जिस तरह की मिट्टी होती है, उसी तरह पाइल डिजाइन करना पड़ता है। ऐसे में इंजीनियरों को बार-बार ये डिजाइन बदलने पड़ रहे हैं। इससे न केवल उनका समय अधिक लग रहा है। बल्कि हर पाइल का खर्च भी अलग-अलग हो रहा है।

मेट्रो से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी यह तो नहीं कहा जा सकता है कि इससे खर्च कितना बढ़ेगा? लेकिन इससे डिजाइन बार-बार बदलना पड़ रहा है। लखनऊ में कमोबेश हर जगह कमजोर मिट्टी थी, इसलिए वहां इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ा था। हालांकि उन्होंने कहा कि इसके बावजूद तय समय सीमा में काम पूरा हो जाएगा। आइआइटी में पाइलिंग के लिए अब दो मशीनें मेट्रो के निर्माण में तेजी लाने के लिए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) लगातार संसाधन बढ़ा रहा है।

आइआइटी के पास स्थान पर्याप्त होने के कारण अब यूपीएमआरसी ने यहां पर दो मशीनें लगा दी हैं, जबकि सामान्य तौर पर एक ही मशीन से काम चलाया जाता है। आइआइटी के पास दो पाइल पूरी हो चुकी हैं और पाइल कैप भी बन चुके हैं। सरकारी विभागों के सारे नक्शे गलत यूपीएमआरसी ने शहर में पाइलिंग समेत अन्य निर्माण कार्य के लिए नगर निगम, बीएसएनएल, केस्को, सीयूजीएल आदि अधिकांश निगमों व विभागों से जमीन के भीतर हुए उनके कार्यो का नक्शा मांगा था। इसे देखने के बाद सारी पोल खुल गई क्योंकि एक भी विभाग का नक्शा पूरी तरह से दुरुस्त नहीं पाया गया। ऐसे में अब यूपीएमआरसी हर स्थान पर पहले दो मीटर गहराई तक खुदाई करवाकर इनकी लाइनें चेक कर रहा है।

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