साइबर अपराधियों को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब
साइबर अपराधियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए आइटी एक्सपर्ट भी आगे आए हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : साइबर अपराधियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए आइटी एक्सपर्ट भी आगे आए हैं। इंटरनेट व मोबाइल बैंकिंग के साथ एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद विशेषज्ञों ने कई सॉफ्टवेयर ईजाद किए हैं। अब वह पुलिस के साथ मिलकर इन तकनीकों का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए 'द इंटरनेट ऑफ थिंग्स फोरम' ने केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है।
आइआइटी में स्टार्टअप मास्टर क्लास में बतौर वक्ता शिरकत करने बेंगलुरू से आए फोरम के चेयरमैन अरविंद तिवारी ने बताया कि साइबर अपराधियों के निशाने पर फाइनेंशियल सेक्टर सर्वाधिक रहता है। बैंक से लेकर शेयर मार्केट तक इनकी पहुंच है। एक स्टडी के अनुसार दिल्ली व मुंबई की साइबर सेल में एक साल में 1200 करोड़ के धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। इसको देखते हुए डाटा सुरक्षित रखने के लिए कई तकनीक व सॉफ्टवेयर विकसित किए गए हैं। कुछ दिन बाद साइबर अपराधी इसका तोड़ ढूंढ़ लेते हैं, ऐसे में साइबर सिक्योरिटी को फुलप्रूफ करने के लिए पुलिस व आइटी एक्सपर्ट को साथ-साथ काम करने की जरूरत है।
अभी सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर सभी विदेशी
हैदराबाद की रूमन टेक्नोलॉजीज के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर व बैंक ऑफ अमेरिका के पूर्व सीनियर वाइस प्रेसीडेंट साइबर एक्सपर्ट बालाजी वेंकटेश्वर ने बताया कि आइटी सेक्टर की मजबूती के लिए सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर दोनों अपने देश के होना चाहिए, जबकि दोनों ही विदेश से खरीदे जा रहे हैं। इसमें जो भी डाटा फीड करते हैं वह विदेशों तक पहुंचता है। ऐसे में सुरक्षा की गारंटी नहीं है। हम साइबर क्राइम को रोकने के लिए टूल जरूर बना रहे हैं लेकिन फुलप्रूफ सेफ्टी के लिए सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर देश में बनने चाहिए। इस मौके पर प्रो. जे राम कुमार, टाई यूपी के अध्यक्ष व कार्यक्रम प्रमुख अमित तिवारी समेत अन्य शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।