दो करोड़ में चमकेगा सीएसजेएमयू का स्टार्टअप, छात्र-छात्राओं में मिलेगा लाभ

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में स्टार्टअप सेंटर बनकर तैयार हो गया है। सीएसजेएमयू की कार्यपरिषद ने इनोवेशन सेंटर के लिए दो करोड़ का बजट पास किया है। सत्र 2021-22 से यूनिवर्सिटी इंस्टीट््यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आइईटी) के छात्र छात्राओं को इसका लाभ मिलने लगेगा।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 09:52 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 09:52 PM (IST)
दो करोड़ में चमकेगा सीएसजेएमयू का स्टार्टअप, छात्र-छात्राओं में मिलेगा लाभ
सीएसजेएमय में छात्रों को शोध कार्य व नए उपकरण विकसित करने के लिए अब बड़ा मंच मिलेगा

कानपुर, जेएनएन । छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में बीटेक व एमटेक के छात्रों को शोध कार्य व नए उपकरण विकसित करने के लिए अब बड़ा मंच मिलेगा। विश्वविद्यालय के कैंपस स्कूल में स्टार्टअप सेंटर बनकर तैयार हो गया है जिसमें छात्र वह प्रयोगात्मक अध्ययन कर सकेंगे जिसके लिए अभी तक उनके पास कोई लैब नहीं थी। सीएसजेएमयू की कार्यपरिषद ने इनोवेशन सेंटर के लिए दो करोड़ का बजट पास किया है। सत्र 2021-22 से यूनिवर्सिटी इंस्टूट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूआइईटी) के छात्र छात्राओं को इसका लाभ मिलने लगेगा। चार स्टार्टअप को स्थापित करने के लिए अगले माह तक जगह दिए जाने की योजना है।

विश्वविद्यालय के छात्र अपनी पढ़ाई के दौरान स्टार्टअप स्थापित कर सकेंगे। उन्हें इसके लिए डिग्री मिलने का इंतजार नहीं करना होगा। अब छात्रों के आइडिया चार वर्ष के बीटेक कोर्स व दो वर्ष के एमटेक कोर्स के बीच उड़ान भर सकेंगे। उन्हें बस अपने आइडिया स्टार्टअप कमेटी के सामने प्रस्तुत करने होंगे। यूआइइटी के इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष व स्टार्टअप प्रभारी डॉ. राशि अग्रवाल ने बताया कि नई तकनीक विकसित करने वाले चार स्टार्टअप को इनोवेशन सेंटर में जगह देने पर सहमति बन गई है। इसके लिए दो करोड़ रूपये मिले हैं। कैंपस स्कूल में दस हजार स्क्वायर फिट की जगह पर इनोवेशन सेंटर स्थापित किया जा रहा हैै। इसके लिए आधुनिक प्रायोगिक यंत्र आने हैं जिनके ऑर्डर ऑनलाइन दिए जाएंगे।

नौकरी नहीं स्वरोजगार पर रहेगा जोर

सीएसजेएमयू सत्र 2021-22 से बीटेक की विभिन्न ब्रांच के पाठ्यक्रमों में भी रोजगारपरक विषय जोडऩे की तैयारी कर रहा है। इसका उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि नौकरी लेने वाले नहीं छात्र नौकरी देने वाले बनें इस प्रकार उन्हें तैयार किया जाएगा।  

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