कानपुर क्राइम ब्रांच बरामद कर चुकी चार करोड़ की नकली दवाएं, जानिए- कहां से आती थी इतनी बड़ी खेप

कानपुर की क्राइम ब्रांच टीम नकली दवा का कारोबार करने वाले गिरोह का पता लगाने में जुटी है और अबतक चार करोड़ की नकली दवाएं बरामद कर चुकी है। लखनऊ का सरगना मनीष अहमदाबाद गुजरात से कई साल्ट की नकली दवाएं मंगाकर सप्लाई करता था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 08:52 AM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 08:52 AM (IST)
कानपुर क्राइम ब्रांच बरामद कर चुकी चार करोड़ की नकली दवाएं, जानिए- कहां से आती थी इतनी बड़ी खेप
पुलिस को नकली दवा सप्लाई करने वाले गिरोह की है तलाश।

कानपुर, जेएनएन। नकली दवाओं की सप्लाई करके मोटा मुनाफे का धंधा करने में लिप्त कई आरोपितों को गिरफ्तार कर क्राइम ब्रांच चार करोड़ रुपये से अधिक का माल बरामद कर चुकी है। छानबीन में अब मामले के तार गुजरात तक जुड़ते पाए गए हैं। लखनऊ का सरगना मनीष मिश्रा अहमदाबाद से कई साल्ट की नकली दवाएं मंगाकर सप्लाई करता था। आरोपित के गोरखपुर के कनेक्शनों के बारे में भी छानबीन चल रही है।

नकली दवाओं की खेप आने की सूचना पर क्राइम ब्रांच ने 21 जून को गोविंद नगर के दबौली टेंपो स्टैंड पर छापेमारी कर चकेरी जगईपुरवा निवासी पिंटू गुप्ता उर्फ गुड्डू व बेकनगंज निवासी मुन्ना को गिरफ्तार किया था। इनसे नकली और नशीली दवाएं बरामद हुई थीं। पकड़े गए आरोपितों की मदद से पुलिस ने लखनऊ में सरगना मनीष मिश्रा के माडल हाउस के पास और कसाईबाड़ा मोहल्ले में संचालित गोदामों में छापेमारी कर करके एक अन्य आरोपित सचिन को गिरफ्तार कर ढाई करोड़ रुपये की दवाएं बरामद की थीं। दूसरे दिन मनीष मिश्रा को दादा नगर के पास से गिरफ्तार किया था।

मनीष की निशानदेही पर पुलिस ने अलीगढ़, मेरठ, गुरुग्राम, मुजफ्फर नगर, बागपत में छापेमारी करके फैक्ट्रियां पकड़ी थीं। पुलिस अब तक 12 आरोपितों की गिफ्तार कर चुकी है। क्राइम ब्रांच को जांच में सामने आया कि मनीष अहमदाबाद से अलग-अलग कई साल्ट की दवाएं मंगाकर शहर समेत दूसरे प्रदेशों में उनकी सप्लाई करता था। उससे पूछताछ में अहमदाबाद के सप्लायर पटेल का नाम सामने आया था। उसके बारे में क्राइम ब्रांच को अभी कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है। क्राइम ब्रांच का मानना है कि पटेल के पकड़े जाने पर गिरोह के अन्य कनेक्शन प्रकाश में आएंगे।

सरगना के करीबी पर थी बहराइच की भी जिम्मेदारी

क्राइम ब्रांच के मुताबिक सरगना के तीसरे गोदाम के बारे में जानकारी हुई है मगर, उसमें छापेमारी नहीं की गई है। मनीष ने तीनों गोदामों की जिम्मेदारी अलग-अलग कर्मियों की दी थी जो सचिन, सनी और सरदार हैं। सचिन लोकल सप्लाई के साथ आसपास के जिलों में सप्लाई भेजता था। सनी पर बहराइच से दवा मंगाने और उसे अलग-अलग स्थानों पर पहुंचाने की जिम्मेदारी थी। सरदार हाल में ही ट्रेस हुए गोदाम के संचालन की जिम्मेदारी है। सनी और सरदार को अभी क्राइम ब्रांच गिरफ्तार नहीं कर सकी है। -मनीष के गुजरात से संपर्क मिले हैं। सनी और सरदार की तलाश के साथ उनके भी संपर्क खंगाले जा रहे हैं। -दीपक भूकर, एडीसीपी अपराध

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