कंपार्टमेंट परीक्षा पर सात दिन में फैसला ले सीबीएसई
-- अब बोर्ड के सामने अभिभावक रिप्रजेंटेशन के जरिये रखेंगे समस्याएं
जागरण संवाददाता, कानपुर : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) को 10वीं और 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा को लेकर सात दिन के अंदर जवाब देना होगा। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने कानपुर के आरएस पुरम निवासी अधिवक्ता शक्ति पांडेय की जनहित याचिका पर सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि रिप्रजेंटेशन के माध्यम से अभिभावक अपनी समस्याएं विस्तार से बताएं, जिन पर सीबीएसई सात दिन के अंदर निर्णय ले। इस जनहित याचिका में सात परीक्षार्थी भी याचिकाकर्ता हैं।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शक्ति पांडेय ने बताया कि इस साल सीबीएसई बोर्ड में दो लाख 10 हजार परीक्षार्थियों की कंपार्टमेंट परीक्षा होनी है। चार हजार परीक्षार्थियों ने अपना समूह बनाकर इसका विरोध करने के साथ उनसे संपर्क किया। इस पर उन्होंने 28 जुलाई को जनहित याचिका दायर करके कोर्ट से यह निवेदन किया था कि जिन परीक्षार्थियों की कंपार्टमेंट परीक्षा होनी है, उन्हें अगली कक्षा में प्रोविजनल प्रवेश दे दिया जाए। कोरोना वायरस के कारण इस दौरान कंपार्टमेंट परीक्षा उनके स्वास्थ के लिए अनुकूल नहीं है। जिस तरह कोविड-19 में मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए परीक्षार्थियों को परीक्षा देने के लिए एक जगह इकट्ठा नहीं किया जा सकता है। कोरोना का खतरा टलने के बाद उनकी परीक्षा आयोजित कराई जा सकती है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अभिभावकों से रिप्रजेंटेशन मांगे हैं। इसमें वह अपनी समस्याओं को विस्तारपूर्वक सीबीएसई के सामने रखें। उस पर सीबीएसई को सात दिन के अंदर निर्णय लेने का आदेश दिया गया है।
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क्या है कंपार्टमेंट परीक्षा व नियम
बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा कराती है। यह परीक्षा एक अथवा दो विषयों में फेल छात्रों के लिए आयोजित होती है। इसमें पास होने वाले छात्र को अगली कक्षा में दाखिला दे दिया जाता है। यदि किसी छात्र की किसी विषय में कंपार्टमेंट है और उसने कंपार्टमेंट परीक्षा में भाग नहीं लिया है या हिस्सा लेने के बाद उसका परिणाम फेल आया है तो उसे फेल माना जाता है।